उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षानीति देश के युवाओं के लिए वरदान साबित होगा और भारत के युवा रोजगार मांगने नहीं जाएंगे, बल्कि रोजगार देने का काम करेंगे. उन्होंने बिहार सरकार से मांग करते हुए कहा कि बिहार के सभी यूनिवर्सिटी की व्यवस्था सुधारने की दिशा में सार्थक पहल करें ताकि बिहार में शिक्षा हासिल करने बाहर का छात्र आ सके.
बता दें कि पंचम दीक्षांत समारोह में महामहिम के द्वारा आज विभिन्न विषयों में 43 छात्र को गोल्ड मेडल तथा 75 पीएचडी धारक सहित 583 छात्रों को प्रमाणपत्र दिया गया. गोल्ड मेडल लेने वाले छात्र एवं छात्राओं ने महामहिम के हाथों से पुरस्कार पाने पर काफी खुशी जाहिर की. उन्होंने बताया कि आज का दिन हम लोगों के लिए बहुत ही खुशी का दिन है जो हमें महामहिम राज्यपाल के द्वारा सम्मानित होने का मौका मिला. महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने छात्रों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि ये शिक्षांत समारोह नहीं दीक्षांत समारोह है.
इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को अच्छे आचरण करने का संदेश दिया साथ ही उन्होंने नई शिक्षा नीति के बारे में बताया कि नई शिक्षा नीति में छात्र रोजगार लोगों को देंगे ना कि रोजगार खोजेंगे. उन्होंने भारत सरकार द्वारा लागू किए गए नई शिक्षा नीति 2020 को काफी फायदेमंद बताया. उन्होंने बताया कि क्या अंग्रेज आकर के हमारे यहां शिक्षा नीति लागू करते हैं जो कहीं से भी अच्छा नहीं था. उन्होंने 76 वर्षों के शासनकाल में शिक्षा में जो कमियां थी उसे नई शिक्षा नीति 2020 में दूर कर छात्रों के हित में सोचा गया है.
वहीं इस मौके पर बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर और सिंहेश्वर विधायक चंद्रहाश चौपाल के अलावे बिहार के कई विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव भी मौजूद थे. हालांकि इस मौके पर सिंहेश्वर विधायक ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर लगाया उपेक्षा का आरोप, कहा कि कुलपति के पास मेरे बैठने तक का नहीं किया गया इंतजाम. मजबूरन प्रेस दीर्घा में बैठ कर पंखा घुमाते रहे विधायक.
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