साढ़े 36 करोड़ की लागत वाले छात्रावास एवं विद्यालय निर्माण कार्य में बरती जा रही है घोर अनियमितता

राजकीय अंबेडकर आवासीय बालिका उच्च विद्यालय मुरलीगंज में 36 करोड़ 52 लाख 13 हजार 464 रुपए की लागत से 720 आसन बिछावन वाले छात्रावास एवं अनुसूचित जाति उच्च विद्यालय के निर्माण कार्य में बरती जा रही है घोर अनियमितता

प्रखंड विकास पदाधिकारी मुरलीगंज अनिल कुमार द्वारा मामले की जांच के उपरांत कई बार निर्माण पर रोक लगाई गई लेकिन संवेदक कंपनी द्वारा घटिया निर्माण को अनवरत कोरोना काल से जारी रखा गया.

मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र के प्रखंड कार्यालय परिसर के पीछे राजकीय अंबेडकर आवासीय बालिका उच्च
विद्यालय मुरलीगंज में 36 करोड़ 52 लाख 13 हजार 464 रुपए की लागत से 720 आसन बिछावन वाले छात्रावास एवं अनुसूचित जाति उच्च विद्यालय का निर्माण कार्य एन.एन.पी. डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा करवाया जा रहा है. जिसके कार्य प्रारंभ की तिथि 7 फरवरी 2020 तथा कार्य समाप्ति की तिथि 6 अगस्त 2021 निर्धारित की गई थी. विद्यालय एवं छात्रावास का निर्माण कार्य लगभग 75% ही अभी तक पूर्ण हुआ है और भवन निर्माण कार्य में काफी अनियमितताएं बरती जा रही है. सबसे बड़ी अनियमितता तो तब सामने आई जब निर्माण संबंधित गुणवत्ता पर समय-समय पर स्थानीय लोगों द्वारा सवाल खड़े किए गए लेकिन प्रशासन की ओर से इस पर कोरोना की वजह से अनियमितता भरे निर्माण निरंतर जारी रहे लॉकडाउन लगा हुआ था. फिर भी यहां बंगाल से आए मजदूरों द्वारा दिन रात अनियमितताओं से भरा निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा करवाने का सिलसिला जारी था. सबसे बड़ी अनियमितता तो यह हुई कि निर्माण स्थल पर निर्माण एजेंसी का नाम इंजीनियर व अधिकारी का नाम मोबाइल नंबर लगाना होता है जिसके कारण लोगों को भवन की लागत एवं अन्य मामले की जानकारी हो सके लेकिन यहां तो बोर्ड को छुपा कर रख दिया गया था जब मांगा गया तब जाकर एक कर्मचारी द्वारा गोदाम से निकालकर सामने रखा गया.

जल्दबाजी में घटिया सीमेंट, कम मोटाई वाले सरिया का प्रयोग छत की ढलाई एवं कोलम की ढलाई में किया गया है, घटिया क्वालिटी के सीमेंट एवं हर का प्रयोग लॉकडाउन के दौरान कर 75% काम को पूरा किया गया है, वहीं कहीं कहीं कॉलम की मोटाई इतनी कम कर दी गई की जब दीवाल के लिए नीचे रखे गए कॉलम पर तो वह बाहर आ गए. पिछले दिनों स्थानीय लोगों द्वारा इस आशय की सूचना जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाई गई.

जिला पदाधिकारी मधेपुरा द्वारा मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए शिकायत की जांच के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी मुरलीगंज को निर्माण स्थल पर अनियमितता के भौतिक सत्यापन हेतु कहा गया. मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी ने अपने जांच प्रतिवेदन जिला पदाधिकारी महोदय को भेज देने की बात बताई एवं आगे की कार्रवाई के लिए अनुरोध किया गया है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि रविवार को मेरे द्वारा निर्माण स्थल पर जांच की गई जहां पाया गया कि बालू पूरी तरह निम्न गुणवत्ता का है जितने ही अच्छे गुणवत्ता का बालू होना चाहिए वह नहीं दिया जा रहा है.

वहीं उन्होंने बताया कि निर्माण के समय से ही कई बार मेरे पास शिकायतें आई. मैंने जाकर निर्माण स्थल का निरीक्षण किया एवं घटिया निर्माण पर रोक लगाने की बात कही लेकिन उन लोगों द्वारा मेरी बातों को नजरअंदाज कर निर्माण कार्य लगातार जारी रखा और कल भी जब मैं काम बंद करने के लिए कहा तो उन लोगों ने काम बंद नहीं किया तथा निर्माण कार्य प्रारंभ रखा. इस आशय की सूचना जिला पदाधिकारी महोदय को दे दी गई है.

निर्माण स्थल पर बोरे में भर रहे बालू के बारे में निर्माण स्थल पर स्थानीय मजदूर रवि कुमार (काल्पनिक नाम) से पूछा तो उन्होंने बताया कि इस तरह के बालू का प्रयोग आज तक हमने नहीं देखा है यह पूरी तरह मिट्टी ही प्रतीत होती है. आप लोगों ने यहां आने में काफी देर कर दी. यहां शुरू से ही निर्माण में अनियमितताएं बरती जा रही है.

अभिराम त्रिवेदी वरीय उप समाहर्ता जिला कल्याण पदाधिकारी मधेपुरा

भवन के पिछले हिस्से में कोलम (खंबे की ढलाई) की जा रही थी जिसमें इसी बालू में स्टोन चिप्स मिलाकर ढलाई की जा रही थी. वहीं मजदूर ने निर्माण स्थल पर बताया कि इसी से कोलम की ढलाई की जाएगी. हमें जो बालू दिया जाता है यहां प्रोजेक्ट मैनेजर द्वारा और यहां के निर्माण संबंधी कनीय अभियंता द्वारा जिस तरह के बालू और सीमेंट का प्रयोग करने को कहा जाता है उसी से निर्माण कार्य करते हैं. पूछने पर बताया कि यह किसी भी दृष्टिकोण से बालू नहीं लगता.

प्रखंड विकास पदाधिकारी अनिल कुमार 

आवासीय विद्यालय 720 बेड के छात्रावास निर्माण में चल रही अनियमितता पर जब मौके पर मौजूद बिलिंग इंजीनियर बी डी प्रसाद ने घटिया बालू के प्रयोग पर जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कुछ दिनों से इस तरह के बालू का प्रयोग किया जा रहा है इसे बदला जा रहा है और जगह इसका प्रयोग नहीं हुआ है लेकिन इस बालू से फिनिशिंग अच्छा आ रहा है. जब उनसे जानकारी मांगी गई की इस तरह के बालू के प्रयोग किए जाने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा बार-बार आपत्ति जताते हुए काम को बंद करने के लिए कहा जा रहा आपने काम क्यों नहीं बंद किया तो उन्होंने बताया कि जिले के कनीय अभियंता द्वारा पहले ऐसे बालू के प्रयोग को स्वीकृति दी गई और आज जब जिले से पदाधिकारी आए उनके सामने उन्होंने इसे निम्न क्वालिटी का बालू बताया.

अल्ट्राटेक के निम्न क्वालिटी के सीमेंट का प्रयोग किए जाने पर उन्होंने बताया कि हम यहां निर्माण स्थल पर 50 ग्रेड के सीमेंट का प्रयोग कर रहे हैं वहीं उन्होंने सीमेंट की बोरी पर 50 ब्रेड लिखे होने की बात बताई और जब दिखाने को कहा गया भरे सीमेंट के भरे बैग को पलटते रहे. उन्हें कहीं 50 ग्रेड लिखा हुआ नहीं मिला. कभी 45 ग्रेड कभी 50 ग्रेड का सीमेंट का कर सीमेंट की बोरी को पलटते रहे और मामला शून्य निकला.

वहीं बिलिंग इंजीनियर बी डी प्रसाद ने बताया कि अब यह निर्माण की राशि 45 करोड़ से ऊपर चली जाएगी. पहले यह निर्माण की राशि 37 करोड़ के लगभग थी.

मामले में स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश मिश्रा ने बताया कि निर्माण में पूरी तरह अनियमितता बरती ही गई है. यह भूकंप रोधी बिल्डिंग बनना चाहिए लेकिन पिछले 2 वर्षों से अनियमितता भरे निर्माण से यहां के रहने वाले छात्राओं के साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है और इस बड़े हादसे का आखिर जिम्मेदार कौन होगा. निर्माण संबंधी गुणवत्ता की क्वालिटी कंट्रोल द्वारा उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग उन्होंने की है.

साढ़े 36 करोड़ की लागत वाले छात्रावास एवं विद्यालय निर्माण कार्य में बरती जा रही है घोर अनियमितता साढ़े 36 करोड़ की लागत वाले छात्रावास एवं विद्यालय निर्माण कार्य में बरती जा रही है घोर अनियमितता Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 20, 2022 Rating: 5

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