इस अवसर पर अधीक्षक डा. प्रसाद ने बताया कि क्षेत्र में टीबी के मरीजों को अब जांच के लिए इधर उधर नहीं भटकना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 15 दिनों से अधिक सर्दी खांसी हो, रात में बुखार हो, पसीना आता हो, सीने में दर्द की शिकायत हो, लगातार वजन में कमी आ रही हो तो उसे अपने बलगम का ट्रुनट के द्वारा जांच करवाना चाहिए.
वहीं सीएचसी सिंहेश्वर के एसटीएस मोनी कुमारी ने बताया कि 2021 में 93 यक्ष्मा के मरीज पाये गये थे. जिसमें 62 मरीज 6 माह तक टीबी की दवा खाकर ठीक हो चुके हैं. वही कुछ मरीजों का दवा चल रहा है. वहीं 2022 में आज तक सिंहेश्वर प्रखंड में 30 मरीज पाये गये. इसका भी समुचित इलाज चल रहा है.
मौके पर डा. प्रियरंजन भास्कर, डा. अंजनी कुमार, लैब टेक्निशियन आरएनटीसीपी मनोज कुमार ठाकुर, संतोष कुमार शर्मा, बायोकेमिस्ट्री के रविन्द्र कुमार नाथ, प्रभाष कुमार, विजय कुमार, मो. स्माईल, निर्मल कुमार पौदार, सेंट्रल लैब पैथोलोजी विभाग के निखिल आनंद, कुमारी सोनाली, कृष्णा मुरारी, नवीन कुमार, बल्ड बैंक टेक्निशियन सुभाष कुमार, रंजीत कुमार, क्लिनिकल पैथौलोजी, माइक्रोबायोलॉजी अजय कुमार शर्मा, मो. सोहेल, बसंत कुमार लेखापाल जयंत कुमार आदि मौजूद थे.

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