जाहिर है कि स्कूल परिसर में नशे के सभी विकल्प आसानी से उपलब्ध हैं. विद्यालय के आसपास कई पान-गुटखा की दुकान है, जो कोटपा अधिनियम की धज्जियां उड़ा रहा है. इन दुकानों से भी नशे की सामग्री बेची जाती है. इस बात की शिकायत विद्यालय की प्रधानाध्यापिका द्वारा कई बार लिखित रूप से शिक्षा विभाग और पुलिस से किया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. विरोध करने पर विद्यालय प्रधान को धमकी दी जाती है और यहां तक कहा जाता है कि आप 4:00 बजे के बाद विद्यालय आओगी तो यहीं दफना दी जाओगी. जबकि स्थानीय लोगों के अलावे पुलिस को भी पता है कि स्मैक और कफ सिरप के अवैध कारोबार से कौन-कौन सफेदपोश जुड़ा हुआ है.
दिन में ही स्मैक का सेवन करते हुए दिख जाता है नजारा
शनिवार को पड़ताल के लिए मधेपुरा टाइम्स जब आदर्श मध्य विद्यालय पहुंचा तो कबाड़ी के काम से जुड़ा एक युवक जो मूल रूप से बंगाल का रहने वाला है, स्मैक का नशा करते हुए देखा गया. उसने बकायदा डेमो कर दिखाया कि नशा कैसे किया जाता है. बताया कि 100 रुपये में एक पुड़िया स्मैक स्थानीय स्तर पर आसानी से मिल जाता है. यह भी बताया कि नशे के सुरक्षित स्थान के रूप में वह इस स्कूल का इस्तेमाल करता रहा है. स्कूल के कमरे के अंदर जिस तरह सिगरेट के टुकड़े, कफ सिरप और शराब की खाली बोतलें देखने को मिली, उससे साफ है कि शिक्षा का यह मंदिर नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का आश्रय स्थल बन कर रह गया है.
स्मैक और कफ सिरप के अवैध कारोबार का केंद्र बना मिड्ल चौक
बड़ा सवाल यह है कि यह स्कूल ही नशेड़ियों के लिए मुफीद क्यों बना हुआ है ?दरअसल, मुरलीगंज में स्मैक के कारोबार का मुख्य केंद्र मिड्ल चौक, दुर्गा स्थान चौक और गौशाला चौक, स्टेट हाईवे 91 कार्तिक चौक से आगे कृषि फॉर्म के पास झोपड़ियों में है. कफ सिरप का कारोबार मिड्ल चौक से ही संचालित होता रहा है. यह इलाका ही कफ सिरप, गांजा और स्मैक तथा शराब का डंपिंग जोन है और इस धंधे में 01 दर्जन से अधिक युवक संलिप्त है. जबकि, इन धंधेबाजों को कई स्थानीय सफेदपोशों का भी संरक्षण प्राप्त है. यह कारोबार इसलिए फल-फूल रहा है कि सफेदपोशों की पहुंच थाना तक है. आदर्श मध्य विद्यालय के इर्द -गिर्द आसानी से नशे के साधन उपलब्ध रहने से यह स्कूल नशेड़ियों के अड्डे में तब्दील हो गया है.
बताते चलें कि पूर्णिया में कुछ माह पहले जब एक बड़े स्मैक तस्कर गिरोह का सरगना अमन सिंह पकड़ा गया था तो उसने स्वीकार किया था कि स्मैक का सप्लाय धमदाहा के रास्ते मुरलीगंज तक होता है. स्थानीय नागरिक अरविंद कुमार ने बताया कि जुआरियों, स्मैक पीने वाले, गांजा पीने वाले, सनफिक्स लेने वाले, शराब पीने वाले के लिए यह स्कूल पिछले 5 वर्षों से संरक्षित क्षेत्र बना हुआ है. स्थानीय प्रशासन को इसकी पूर्ण जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
वहीं मामले में मुरलीगंज आदर्श मध्य विद्यालय की प्रधानाध्यापिका कुमारी अंबिका ने कहा कि शिक्षा विभाग के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी को लिखित सूचना देने के बाद भी कार्रवाई अब तक शून्य है. वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सूर्य प्रसाद ने कहा कि अगर प्रधानाध्यापिका द्वारा पुलिस प्रशासन को लिखित सूचना दी गई है तो पुलिस प्रशासन ही इस पर कार्रवाई कर सकती है.

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