अंधविश्वास में तोड़ा लॉकडाउन: आक के पेड़ से पानी गिरने को ईश्वरीय चमत्कार मान बड़ी संख्या में लोगों ने लगाई भीड़ (वीडियो)
मधेपुरा में आक के पेड़ से पानी गिरने को ईश्वरीय चमत्कार मान बड़ी संख्या में लोगों ने लगाई भीड़. बताते चलें कि इसका वृक्ष छोटा और छत्तादार होता है, पत्ते बरगद के पत्तों के समान मोटे होते हैं.
इसी पेड़ से पानी की बूंदे गिरने पर लोगों ने इसे ईश्वरीय चमत्कार माना और सैकड़ों की संख्या में लोग उसके नीचे खड़े होकर पानी की बूंदे इकट्ठा कर रहे हैं एवं देवी का चमत्कार समझ कर वहां पूजा पाठ शुरू कर दिया.
मधेपुरा के मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत कोल्हायपट्टी डुमरिया स्टेट हाईवे 91 के किनारे रघुनाथपुर की ओर जाने वाली सड़क 100 मीटर दूर बेंगा नदी के कछार पर आज शाम 7:00 बजे एक आक के पेड़ से पानी की बूंदों की तरह पानी टपकने लगा जिसे देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी. क्या बच्चे क्या महिला क्या बुजुर्ग रात के अंधेरे में बस्ती से दूर लोग टॉर्च एवं मोटरसाइकिल के सहारे पेड़ के नीचे पहुंचकर हाथों में पानी लेने लगे. कोई अंधविश्वास में वहां अगरबत्ती जलाने लगा तो कोई मंदिर बनाने की बात करने लगा.
इसी बीच ग्रामीणों ने कहा कि अभी जनरेटर ले आओ और यहां प्रकाश की व्यवस्था करो. वहां मौजूद गांव के चौकीदार गुलशन कुमार ने लोगों को समझा-बुझाकर हटाने का प्रयास किया तथा इस तरह के किसी भी कार्य को लॉक डाउन के समय बिना प्रशासन की अनुमति से करने से मना किया और लोगों को वहां से हटाने का प्रयास किया लेकिन अंधविश्वास से भरे लोग मानने वाले कहां थे. गुलशन कुमार ने इस घटना की सूचना स्थानीय प्रशासन को दे दी है
लोग मानने वाले नहीं थे. किसी ने इसे भगवान का चमत्कार कहा तो किसी ने इसे देवी का चमत्कार कहा.
ठीक इसी तरह की घटना 2008 के बाद कुमारखण्ड प्रखंड के रहटा गांव में भी घटी थी. वहां पर एक पेड़ के नीचे से पानी टपकने की घटना हुई थी बाद में जब यह बात सामने आई कि पेड़ के तने में कोई कीड़े लगने से ऐसा हुआ था जिसके कारण पेड़ के तने से पानी की बूंदे टपकती थी तथा कुछ दिनों के बाद यह पानी गिरने की घटना स्वतः बंद हो गई.
अब देखना यह है प्रशासन इस इस लॉक डाउन में कल भीड़ को कैसे समझा कर दूर हटाती है.

इसी पेड़ से पानी की बूंदे गिरने पर लोगों ने इसे ईश्वरीय चमत्कार माना और सैकड़ों की संख्या में लोग उसके नीचे खड़े होकर पानी की बूंदे इकट्ठा कर रहे हैं एवं देवी का चमत्कार समझ कर वहां पूजा पाठ शुरू कर दिया.
मधेपुरा के मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत कोल्हायपट्टी डुमरिया स्टेट हाईवे 91 के किनारे रघुनाथपुर की ओर जाने वाली सड़क 100 मीटर दूर बेंगा नदी के कछार पर आज शाम 7:00 बजे एक आक के पेड़ से पानी की बूंदों की तरह पानी टपकने लगा जिसे देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी. क्या बच्चे क्या महिला क्या बुजुर्ग रात के अंधेरे में बस्ती से दूर लोग टॉर्च एवं मोटरसाइकिल के सहारे पेड़ के नीचे पहुंचकर हाथों में पानी लेने लगे. कोई अंधविश्वास में वहां अगरबत्ती जलाने लगा तो कोई मंदिर बनाने की बात करने लगा.
इसी बीच ग्रामीणों ने कहा कि अभी जनरेटर ले आओ और यहां प्रकाश की व्यवस्था करो. वहां मौजूद गांव के चौकीदार गुलशन कुमार ने लोगों को समझा-बुझाकर हटाने का प्रयास किया तथा इस तरह के किसी भी कार्य को लॉक डाउन के समय बिना प्रशासन की अनुमति से करने से मना किया और लोगों को वहां से हटाने का प्रयास किया लेकिन अंधविश्वास से भरे लोग मानने वाले कहां थे. गुलशन कुमार ने इस घटना की सूचना स्थानीय प्रशासन को दे दी है
लोग मानने वाले नहीं थे. किसी ने इसे भगवान का चमत्कार कहा तो किसी ने इसे देवी का चमत्कार कहा.
ठीक इसी तरह की घटना 2008 के बाद कुमारखण्ड प्रखंड के रहटा गांव में भी घटी थी. वहां पर एक पेड़ के नीचे से पानी टपकने की घटना हुई थी बाद में जब यह बात सामने आई कि पेड़ के तने में कोई कीड़े लगने से ऐसा हुआ था जिसके कारण पेड़ के तने से पानी की बूंदे टपकती थी तथा कुछ दिनों के बाद यह पानी गिरने की घटना स्वतः बंद हो गई.
अब देखना यह है प्रशासन इस इस लॉक डाउन में कल भीड़ को कैसे समझा कर दूर हटाती है.

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Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 14, 2020
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