शानदार उपलब्धि: फेम इंडिया–एशिया पोस्ट द्वारा 25 सशक्त महिलाओं की सूची में 'ईसमाद' की संपादक कुमुद सिंह का नाम
फेम इंडिया–एशिया पोस्ट द्वारा 25 सशक्त महिलाओं की सूची में 'ईसमाद' की संपादक कुमुद सिंह का नाम आना सम्पूर्ण मिथिला क्षेत्र और सूबे के लिए एक अद्भुत गौरव का क्षण है.
एक शानदार शख्सियत के रूप में कुमुद सिंह बेबाकी से किसी मुद्दे पर अपनी राय रखने के लिए जानी जाती है. इनकी लेखन शैली अनगिनत लोगों के मन को छू जाती है. कई बार तो बड़े राजनीतिज्ञों ने भी इनके लेखनी की चर्चा बड़े मंचों से की है.
फेम इंडिया मैगजीन ने कुमुद सिंह की शख्सियत को इन शब्दों से सम्मान दिया है:
"जन सरोकार से जुड़ी बात उठाने में माहिर हैं कुमुद सिंह: मैथिली भाषा के पहले ई-पेपर 'ईसमाद' की संपादक कुमुद सिंह की इंटरनेट वर्ल्ड में मजबूत पहचान है । तेज़ तर्रार तेवर की कुमुद सिंह शंकरपुर इस्टेट से ताल्लुक रखती हैं, जो देश के बड़े राजघराने में शामिल दरभंगा राज परिवार की एक शाखा है। फेसबुक पर उन्हें देश के बड़े-बड़े पत्रकार, नौकरशाह और राजनेता फॉलो करते हैं । वे एक ओर सत्ता और समाजिक कुरीतियों पर तीखे प्रहार करती हैं, वहीं देश की राजनीति, दरभंगा राजघराने और सामाजिक मुद्दों पर बेबाक राय रखती हैं। संबंधित विषय पर उनका रिसर्च मजबूत और तर्क अकाट्य होता है ।
कुमुद सिंह की पहचान एक महिला पत्रकार के रूप में है, जो अपनी तमाम जिम्मेदारियों को निभाती हुई अपनी पत्रकारिता से न सिर्फ समाज में फैली कुरीतियों और भ्रांतियों पर चोट करती रहती हैं, बल्कि नारी सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रयासरत हैं। उनकी पत्रकारिता न तो किसी ‘वाद’ या ‘धारा’ से प्रभावित है और न ही उनकी पत्रकारिता किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित है । यही वजह है कि राजनैतिक मुद्दों पर उनकी कलम कभी मोदी तो किसी दूसरे मुद्दे पर केजरीवाल, कांग्रेस या शिवसेना को समर्थन या विरोध करती दिख जाती है। हालांकि उनकी कलम अधिकांश समय राजनीतिक मुद्दों से हट कर मिथिला की सभ्यता-संस्कृति और संस्कार को लोगों के सामने लाने एवं उसे संरक्षित करने के लिए ही चलती हैं । इसके साथ ही वह महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार मजबूती से रखती हैं । एक ओर वह बेबाक राय के लिए जानी जाती हैं वहीं दुनिया भर में ई-समाद के जरिए मैथिली को सहज सुलभ बनाने में भी महती भूमिका निभा रही है ।
एक पत्रकार की हैसियत से कुमुद सिंह ने ‘ईसमाद’ के नाम को स्थापित पत्रों की सूची में शामिल कराने के साथ पाठकों के एक बड़े वर्ग को तैयार किया। पत्रकारिता के साथ उन्होने प्रकाशन के क्षेत्र में भी कदम रखा और वहां भी ‘ईसमाद’ को विशिष्ट पहचान दिलायी । इनके दिशा-निर्देशन में ‘ईसमाद’ ने छह किंडल किताबों के साथ दो पेपरबैक किताबों का प्रकाशन किया। इनमें से अधिकांश किताबों ने काफी प्रसिद्धि पायी।
बिहार की राजधानी पटना में रहने वाली कुमुद सिंह का जन्म शंकरपुर इस्टेट में 11 जुलाई 1981 को हुआ । इनके पिता का नाम बाबू नंदेश्वर सिंह है। इन्होने कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ग्रहण की, लेकिन ज्ञान की पिपासा और किसी भी बात को अपने नजरिये से देखने की इनकी प्रवृति बचपन से ही रही है । शादी के बाद इनकी इस प्रवृति को जब इनके पति आशीष झा का संरक्षण मिला तो राजपरिवार में पलने-बढ़ने वाली यह महिला एक सशक्त महिला पत्रकार के रूप में उभरकर सामने आयी । एक पत्रकार के रूप में बेबाक लिखने वाली कुमुद सिंह सामान्य जीवन में मृदुभाषी और मिलनसार महिला हैं ।
25 सशक्ति महिलाओं के फेम इंडिया–एशिया पोस्ट द्वारा सामाजिक स्थिति, प्रभाव, छवि, उद्देश्य और प्रयास जैसे दस मानदंडों पर किए सर्वे में कुमुद सिंह प्रमुख स्थान पर है।"
मधेपुरा टाइम्स परिवार की ओर से कुमुद सिंह को उनकी इस बेमिशाल उपलब्धि के लिए शुभकामनाएँ.
(वि. सं.)
एक शानदार शख्सियत के रूप में कुमुद सिंह बेबाकी से किसी मुद्दे पर अपनी राय रखने के लिए जानी जाती है. इनकी लेखन शैली अनगिनत लोगों के मन को छू जाती है. कई बार तो बड़े राजनीतिज्ञों ने भी इनके लेखनी की चर्चा बड़े मंचों से की है.
फेम इंडिया मैगजीन ने कुमुद सिंह की शख्सियत को इन शब्दों से सम्मान दिया है:
"जन सरोकार से जुड़ी बात उठाने में माहिर हैं कुमुद सिंह: मैथिली भाषा के पहले ई-पेपर 'ईसमाद' की संपादक कुमुद सिंह की इंटरनेट वर्ल्ड में मजबूत पहचान है । तेज़ तर्रार तेवर की कुमुद सिंह शंकरपुर इस्टेट से ताल्लुक रखती हैं, जो देश के बड़े राजघराने में शामिल दरभंगा राज परिवार की एक शाखा है। फेसबुक पर उन्हें देश के बड़े-बड़े पत्रकार, नौकरशाह और राजनेता फॉलो करते हैं । वे एक ओर सत्ता और समाजिक कुरीतियों पर तीखे प्रहार करती हैं, वहीं देश की राजनीति, दरभंगा राजघराने और सामाजिक मुद्दों पर बेबाक राय रखती हैं। संबंधित विषय पर उनका रिसर्च मजबूत और तर्क अकाट्य होता है ।
कुमुद सिंह की पहचान एक महिला पत्रकार के रूप में है, जो अपनी तमाम जिम्मेदारियों को निभाती हुई अपनी पत्रकारिता से न सिर्फ समाज में फैली कुरीतियों और भ्रांतियों पर चोट करती रहती हैं, बल्कि नारी सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रयासरत हैं। उनकी पत्रकारिता न तो किसी ‘वाद’ या ‘धारा’ से प्रभावित है और न ही उनकी पत्रकारिता किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित है । यही वजह है कि राजनैतिक मुद्दों पर उनकी कलम कभी मोदी तो किसी दूसरे मुद्दे पर केजरीवाल, कांग्रेस या शिवसेना को समर्थन या विरोध करती दिख जाती है। हालांकि उनकी कलम अधिकांश समय राजनीतिक मुद्दों से हट कर मिथिला की सभ्यता-संस्कृति और संस्कार को लोगों के सामने लाने एवं उसे संरक्षित करने के लिए ही चलती हैं । इसके साथ ही वह महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार मजबूती से रखती हैं । एक ओर वह बेबाक राय के लिए जानी जाती हैं वहीं दुनिया भर में ई-समाद के जरिए मैथिली को सहज सुलभ बनाने में भी महती भूमिका निभा रही है ।
एक पत्रकार की हैसियत से कुमुद सिंह ने ‘ईसमाद’ के नाम को स्थापित पत्रों की सूची में शामिल कराने के साथ पाठकों के एक बड़े वर्ग को तैयार किया। पत्रकारिता के साथ उन्होने प्रकाशन के क्षेत्र में भी कदम रखा और वहां भी ‘ईसमाद’ को विशिष्ट पहचान दिलायी । इनके दिशा-निर्देशन में ‘ईसमाद’ ने छह किंडल किताबों के साथ दो पेपरबैक किताबों का प्रकाशन किया। इनमें से अधिकांश किताबों ने काफी प्रसिद्धि पायी।
बिहार की राजधानी पटना में रहने वाली कुमुद सिंह का जन्म शंकरपुर इस्टेट में 11 जुलाई 1981 को हुआ । इनके पिता का नाम बाबू नंदेश्वर सिंह है। इन्होने कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ग्रहण की, लेकिन ज्ञान की पिपासा और किसी भी बात को अपने नजरिये से देखने की इनकी प्रवृति बचपन से ही रही है । शादी के बाद इनकी इस प्रवृति को जब इनके पति आशीष झा का संरक्षण मिला तो राजपरिवार में पलने-बढ़ने वाली यह महिला एक सशक्त महिला पत्रकार के रूप में उभरकर सामने आयी । एक पत्रकार के रूप में बेबाक लिखने वाली कुमुद सिंह सामान्य जीवन में मृदुभाषी और मिलनसार महिला हैं ।
25 सशक्ति महिलाओं के फेम इंडिया–एशिया पोस्ट द्वारा सामाजिक स्थिति, प्रभाव, छवि, उद्देश्य और प्रयास जैसे दस मानदंडों पर किए सर्वे में कुमुद सिंह प्रमुख स्थान पर है।"
मधेपुरा टाइम्स परिवार की ओर से कुमुद सिंह को उनकी इस बेमिशाल उपलब्धि के लिए शुभकामनाएँ.
(वि. सं.)
शानदार उपलब्धि: फेम इंडिया–एशिया पोस्ट द्वारा 25 सशक्त महिलाओं की सूची में 'ईसमाद' की संपादक कुमुद सिंह का नाम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 21, 2020
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