बीएनएमयू के 19 विषयों के शिक्षकों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों का समूह जी-19 ने अपनी उपेक्षा के विरुद्ध संयोजक डॉ प्रज्ञा प्रसाद के नेतृत्व में शनिवार को प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा।
मांगपत्र में कहा गया है कि वर्तमान समय में मात्र सात विभागों यथा अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, इतिहास, दर्शनशास्त्र, हिन्दी, अंग्रेजी एवं उर्दू का संचालन हो रहा है। अन्य बारह विषयों यथा-प्राचीन इतिहास, मानवशास्त्र, भूगर्भशास्त्र, एलएसडब्ल्यू, सांख्यिकी, संगीत, ग्रामीण अर्थशास्त्र, अरबी एवं फ़ारसी का मुख्यालयमें स्नातकोत्तर विभाग नहीं है। अतः सभी 19 स्नातकोत्तर विभागों में शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के पदों की राज्य सरकार से स्वीकृति प्राप्त करने हेतु पुनः पत्र भेजने हेतु कुलसचिव/ उप कुलसचिव अकादमिक को निदेशित किया जाय।
मांगपत्र के अनुसार विश्वविद्यालय मुख्यालय में बारह विषयों यथा- गणित, मैथिली, संस्कृत, प्राचीन इतिहास, मानवशास्त्र, भूगर्भशास्त्र, एलएसडब्ल्यू, सांख्यिकी, संगीत, ग्रामीण अर्थशास्त्र, अरबी एवं फ़ारसी का स्नातकोत्तर विभाग स्थापित कर सत्र 2018-20 से स्नातकोत्तर अध्ययन-अध्यापन एवं शोध आरंभ करने हेतु आदेश देने का कष्ट किया जाय। साथ ही अनुरोध किया गया है कि विश्वविद्यालय द्वारा जीएस (आई/सी-646/09) 505/19, दिनांक 18.04. 2019 द्वारा राज्य सरकार को शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के पदों की स्वीकृति हेतु हेतु स्मार पत्र प्रेषित किया गया है। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। ऐसे में इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसके लिए पटना में पदस्थापित विश्वविद्यालय के संपर्क पदाधिकारी को निदेशित किया जाए।
ज्ञापन सौपने के बाद जी-19 से सम्बद्ध विषयों के शिक्षकों ने नार्थ कैम्पस के सामाजिक विज्ञान संकाय भवन में एक गोष्ठी भी आयोजित की। इसमें उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ. आबिद उस्मानी, भूगर्भशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार, प्राचीन भारतीय इतिहास के प्रोफेसर डॉ. ललन प्रसाद अदरी एव डॉ.अजय कुमार, संस्कृत के डॉ. उग्र नारायण कुमार, संगीत की रीता कुमारी, अरुण कुमार बच्चन, डॉ.अरुण कुमार, अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व कर्मचारी नागेश्वर यादव ,छात्र नेता छवि यादव सहित कई छात्र-छात्रा, शोधार्थी उपस्थित थे।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgwna5kC31jMT3OaX4Kaee1F_yNmYQ0sWW9qQnVH6SuM0Y_H1Qe_WpInySAxrxVz1rsQFo9kqtctdGNomDHvd5JTSrkKKclXTHemdh4RO_Ew7Xe2_Z9hjxBa7Co0PJM6abl0TR1hdu2hEQ/s1600/Pradeep+Jha+MT.png)
मांगपत्र में कहा गया है कि वर्तमान समय में मात्र सात विभागों यथा अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, इतिहास, दर्शनशास्त्र, हिन्दी, अंग्रेजी एवं उर्दू का संचालन हो रहा है। अन्य बारह विषयों यथा-प्राचीन इतिहास, मानवशास्त्र, भूगर्भशास्त्र, एलएसडब्ल्यू, सांख्यिकी, संगीत, ग्रामीण अर्थशास्त्र, अरबी एवं फ़ारसी का मुख्यालयमें स्नातकोत्तर विभाग नहीं है। अतः सभी 19 स्नातकोत्तर विभागों में शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के पदों की राज्य सरकार से स्वीकृति प्राप्त करने हेतु पुनः पत्र भेजने हेतु कुलसचिव/ उप कुलसचिव अकादमिक को निदेशित किया जाय।
मांगपत्र के अनुसार विश्वविद्यालय मुख्यालय में बारह विषयों यथा- गणित, मैथिली, संस्कृत, प्राचीन इतिहास, मानवशास्त्र, भूगर्भशास्त्र, एलएसडब्ल्यू, सांख्यिकी, संगीत, ग्रामीण अर्थशास्त्र, अरबी एवं फ़ारसी का स्नातकोत्तर विभाग स्थापित कर सत्र 2018-20 से स्नातकोत्तर अध्ययन-अध्यापन एवं शोध आरंभ करने हेतु आदेश देने का कष्ट किया जाय। साथ ही अनुरोध किया गया है कि विश्वविद्यालय द्वारा जीएस (आई/सी-646/09) 505/19, दिनांक 18.04. 2019 द्वारा राज्य सरकार को शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के पदों की स्वीकृति हेतु हेतु स्मार पत्र प्रेषित किया गया है। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। ऐसे में इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसके लिए पटना में पदस्थापित विश्वविद्यालय के संपर्क पदाधिकारी को निदेशित किया जाए।
ज्ञापन सौपने के बाद जी-19 से सम्बद्ध विषयों के शिक्षकों ने नार्थ कैम्पस के सामाजिक विज्ञान संकाय भवन में एक गोष्ठी भी आयोजित की। इसमें उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ. आबिद उस्मानी, भूगर्भशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार, प्राचीन भारतीय इतिहास के प्रोफेसर डॉ. ललन प्रसाद अदरी एव डॉ.अजय कुमार, संस्कृत के डॉ. उग्र नारायण कुमार, संगीत की रीता कुमारी, अरुण कुमार बच्चन, डॉ.अरुण कुमार, अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व कर्मचारी नागेश्वर यादव ,छात्र नेता छवि यादव सहित कई छात्र-छात्रा, शोधार्थी उपस्थित थे।
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BNMU: शिक्षकों ने की विश्वविद्यालय के सभी विषयों में स्नातकोत्तर पठन-पाठन की मांग
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 27, 2019
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![BNMU: शिक्षकों ने की विश्वविद्यालय के सभी विषयों में स्नातकोत्तर पठन-पाठन की मांग](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiKKBOn3wxNi8WuT0M_ijPPcuATIhkMnpvc0pLC8FiOneKVy49Fep1FLV5c2fS4K76sFCI8Cjydo8U_5f8Lf4ZOdJPinbqdXe2qbrq3Q7mXp3sFAGhyuLGlJtAj3fRz-wonLu7vLAFRpzM/s72-c/WhatsApp+Image+2019-07-27+at+7.43.29+PM.jpeg)
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