कुमारखंड ग्रामीण आवास घोटाला: दोनों आरोपी बीडीओ की अग्रिम जमानत याचिका अस्वीकृत, हो सकती है गिरफ्तारी

मधेपुरा जिले के कुमारखंड प्रखंड में पदस्थापित वर्तमान और पूर्व बीडीओ तथा दो  ग्रामीण आवास कर्मियों की अग्रिम जमानत आवेदन को बुधवार को अस्वीकृत कर दिया गया । 


प्रथम सत्र न्यायाधीश श्री अशोक कुमार गुप्ता के न्यायालय ने बुधवार को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया । अब इनकी गिरफ्तारी पर कोई रोक नही रह गयी है और पुलिस चाहे तो इनकी गिरफ्तारी कभी भी कर सकती है । हालांकि अभियुक्तगण चाहे तो अंतरिम जमानत की याचिका उच्च न्यायालय में भी दायर कर सकते हैं ।

244 लाभुकों को  दिया गया था दोहरा लाभ, सवा करोड़ रु का हुआ था खेल

जिले के कुमारखंड प्रखंड में पदस्थापित दो बीडीओ,एक लेखा सहायक और  ग्यारह  आवास सहायक  इन दिनों 244 लाभुकों को दोबारा आवास आवंटन के मामले में न्यायालय का चक्कर लगा रहे हैं। इनके  विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। इन लोगों पर करोड़ों रुपए की सरकारी राशि की बंदरबांट का आरोप है । जिला प्रशासन ने जांच के बाद वर्तमान और पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी के विरुद्ध प्रपत्र क गठित कर राज्य सरकार को भेज भी  दिया है ।

दरअसल कुमारखंड में एक ही लाभुक को दो-दो बार इंदिरा आवास का आवंटन कर राशि उगाही का मामला वर्षों पुराना है।

लेकिन इस खेल पर से पर्दा तब उठा जब तत्कालीन जिलाधिकारी मु सोहैल के आदेशानुसार जिले के सभी प्रखंडों के ग्रामीण आवास सहायक और लेखा सहायक आदि का स्थानांतरण कर दिया गया ।कुमारखंड प्रखंड में स्थान्तरित  आवास सहायक एवं लेखा सहायक जब चालू वर्ष के लाभार्थियों की जांच करने लगे तो पाया कि नियम कानूनों को ताक पर रख कर सैकड़ों लाभार्थियों को पहले इंदिरा आवास योजना और अब प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना में लाभार्थी बनाकर उन्हें पचास हजार रु की पहली किश्त जारी की जा चुकी है । लिहाजा इन लोगों ने इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दिया और जब किसी ने नही सुना तो फिर सामूहिक तबादले की मांग करने लगे ।जब यह मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में गया तो उन्होंने इसकी जांच करवाई । जांच में जब तीन पंचायतों में दोहरा लाभ के अनेक मामले सामने आये तो फिर जिले भर के लेखा  सहायकों को बुलाकर उनसे कुमारखंड प्रखंड के लाभुकों की जांच करवाई गई ।

जिलाधिकारी द्वारा जांच के लिए बुलाई गई बैठक में तब कुमारखंड में नव पदस्थापित आवास पर्यवेक्षक अभिषेक आनंद  ने प्रथम दृष्टया जांच कर बताया था कि दोहरा लाभ के मामले डेढ़ हजार से अधिक हैं। लेकिन जांच के लिए प्रखंड से संचिकाएँ नही दी जा रही है। बहरहाल कुछ वर्षों की ही जांच हुई और  244 दोहरे लाभ के मामले प्रथम दृष्टया ही सामने आए ।इसमें 172 मामले पूर्व पदस्थापित बीडीओ और 72 मामले वर्तमान बीडीओ के कार्यकाल के थे।इन्हें 50 - 50 हजार रु प्रथम किश्त के दिये जा चुके थे । पूर्व जिलाधिकारी ने ही इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और दोनों बीडीओ के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करने का आदेश दे दिया था और  दोनों के विरुद्ध ही प्रपत्र क  भी गठित कार्रवाई की गई है ।

कुमारखंड थाने में जिलाधिकारी के आदेशानुसार कार्यपालक दंडाधिकारी महेश कुमार रजक द्वारा कांड संख्या 124/18 दर्ज कराई गई है जिसमें पूर्व बीडीओ मणिमाला कुमारी ,वर्तमान बीडीओ नवीन कुमार सिन्हा के अतिरिक्त लेखा सहायक निशि कांत कुमार ,आवास सहायक प्रभास कुमार ,अमरदीप कुमार आनंद ,प्रभात रंजन ,अजय कुमार ,कुमार गंधर्व ,एस कुमार,अर्जुन कुमार राम,सुधीर कुमार और मिथिलेश कुमार को अभियुक्त बनाया गया है।इनके विरुद्ध भा द वि की धारा 402,120(बी)34 के तहत कार्रवाई की गई है ।इस मामले में दोनों बीडीओ ने जमानत के लिए न्यायालय में अग्रिम जमानत का आवेदन दिया था जो अब अस्वीकृत  की जा चुकी है।

जिलाधिकारी के आदेशानुसार गठित प्रपत्र क में वर्तमान बीडीओ नवीन कुमार सिन्हा पर 72 लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नियम और निर्देश विरुद्ध प्रथम किश्त की राशि भुगतान करने ,दोषी कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश की अवहेलना करने और अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के न्याय निर्णय के अनुसार आठ लाभुकों के बदले गलत लोगों के खाते में राशि भेजने के कार्य मे सुधार करने के निर्देश का पालन नही करने का भी आरोप है ।

दूसरी ओर पूर्व बीडीओ मणिमाला के विरुद्ध 172 लाभुकों को आवास योजना का दोहरा लाभ देने का आरोप है ।
कुमारखंड ग्रामीण आवास घोटाला: दोनों आरोपी बीडीओ की अग्रिम जमानत याचिका अस्वीकृत, हो सकती है गिरफ्तारी कुमारखंड ग्रामीण आवास घोटाला: दोनों आरोपी बीडीओ की अग्रिम जमानत याचिका अस्वीकृत, हो सकती है गिरफ्तारी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 25, 2018 Rating: 5

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