


विद्युत् रेल इंजन
फैक्ट्री से बाहर पहली बार इस पहले इंजन के ट्राइल के समय डिप्टी चीफ इंजीनियर श्री
भार्गव, एसएससी सुनील कुमार समेत कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे. आज नए ट्रैक पर
ट्राइल बिलकुल सफल बताया गया.
यहाँ यह याद दिलाना आवश्यक है कि केन्द्र सरकार की मेक इन इंडिया
प्रोजेक्ट के तहत यह पहली बड़ी एफ़ डी आई परियोजना है ।
यहाँ निर्मित 800 विद्युत रेल इंजन कॊ पहले भारत का रेल
मंत्रालय खरीदेगा । सबसे पहले अलस्टॉम कम्पनी फ्रांस से पाँच विद्युत रेल इंजन के
पुर्जे लाकर यहाँ इस कारखाने में उसे जोड़ कर इंजन बनाकर उसे भारतीय रेल कॊ टेस्ट
ड्राइव के लिये सौपेगी । जाँच में सही पाये जाने पर पहले वर्ष 2020 में 35, 2021 में 60 और 2022 से 2029 तक प्रतिवर्ष एक सौ विद्युत रेल इंजन
भारतीय रेल कॊ आपूर्ति करेगी । यहाँ निर्मित विद्युत रेल इंजन बारह हजार अश्व
शक्ति की होगी जो छह हजार टन वजनी मालगाड़ी कॊ एक सौ किलोमीटर की रफ्तार से खींचने
में सक्षम होगी । अभी उपलब्ध विद्युत इंजन मात्र 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ही चल पाती है । यहाँ उत्पादित एक
विद्युत रेल इंजन कॊ रेलवे 24.88 करोड़ रू में खरीदेगी और
कुल आठ सौ इंजन के लिये रेलवे 19 हजार करोड़ रू खर्च करेगी ।
माना जा रहा है कि अब आज के ट्राइल के बाद इंजन सरकार को सौंपने की प्रक्रिया
में तेजी आएगी.
(आज हुए ट्राइल का वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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मधेपुरा की विद्युत् रेल इंजन फैक्ट्री में बनी पहली इंजन निकली ट्राइल के लिए बाहर (वीडियो)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 01, 2018
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