ये एक नृशंस हत्या
थी और ऐसी हत्या में यदि आरोपी बच जाए तो लोगों का कानून पर से शायद भरोसा उठ जाए.
हालाँकि यहाँ भी आरोपी ने बचने के लाख प्रयास किये, पर न्याय की जीत हुई.
घटना मधेपुरा जिले
के कुमारखंड (भतनी) थाना क्षेत्र के परसी गाँव की है जहाँ 03 अक्टूबर 2014 को एक
पांच वर्ष के बच्चे को टुकड़ों में काटकर धान के खेत में गाड़ दिया गया था. घटना के
बारे में बताया जाता है कि आरोपी लालो सरदार ने कुलानंद सरदार के पांच वर्षीय बेटे
विजय को भतनी मेला दिखाने के बहाने उस समय फुसलाकर ले गया जब मासूम के माता-पिता अपने
बेटे और एक बेटी तेरह वर्षीया बबीता को छोड़कर पास के गाँव गए हुए थे. वापस आने पर
जब उन्होंने बेटे को गायब पाया तो खोजबीन करने लगे. लोगों ने बताया कि विजय को
लालो सरकार कंधे पर बिठाकर मेला ले गया था, पर लालो ने इस बात से इनकार कर दिया
था.
मामला कुमारखंड (भतनी) थाना काण्ड संख्यां 191/2014 के रूप में अपहरण का दर्ज
हुआ और कुछ दिन के बाद जब पुलिस ने दो माह बाद लाश को एक खेत से खोज निकाला तो फिर
हत्या और साक्ष्य छुपाने का मामला भी लालो सरदार के विरूद्ध दर्ज कर लिया गया.
मधेपुरा के जिला एवं
सत्र न्यायाधीश मजहर इमाम ने इसी मुक़दमे से सम्बंधित सत्रवाद संख्यां 23/2015 में अभियोजन
पक्ष की ओर से कुल नौ गवाह तथा बचाव पक्ष की तरफ से तीन गवाहों की गवाही के बाद
आरोपी को सजा सुना दी. गवाही के दौरान यह बात भी सामने आई कि आरोपी लालो सरदार के
साले की पत्नी का अवैध सम्बन्ध मृतक मासूम के पिता के साथ था, जिसका आरोपी विरोध
करता था. आरोपी शंकरपुर थाना के खोनही गाँव का रहने मोल निवासी है जो अपने ससुराल परसी में ही रहता था. पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि धान की कटाई के बाद एक खेत से बच्चे का
कंकाल निकला और कपड़े आदि के आधार पर पहचान विजय के रूप में हुई थी.
एक पांच साल के
मासूम की हत्या के मामले में मधेपुरा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश मजहर इमाम ने
हत्यारे लालो सरदार को धारा 302 भारतीय दंड संहिता में सश्रम आजीवन कारावास और 25
हजार रूपये का अर्थदंड, मासूम के अपहरण के मामले में धारा 364 भारतीय दंड संहिता
में दस वर्ष की सश्रम कारावास की सजा तथा साक्ष्य मिटाने के प्रयास में धारा 201
भारतीय दंड संहिता में 4 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा और 5 हजार रूपये का
जुर्माना ठोका है.
(वि. सं.)
अवैध सम्बन्ध थी वजह!: टुकड़ों में काट कर मासूम की हत्या मामले में आरोपी को उम्रकैद
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 23, 2017
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