

विश्व प्रसिद्ध निर्देशकों से प्रशिक्षण लेकर बच्चें के साथ साथ अभिभावक भी काफी उत्साहित हैं. इस सात दिवसीय कार्यशाला में लगातार कई सत्रों में लगभग 150 बच्चे नृत्य व अभिनय के तकनीकी बिंदूओं के बारीकी को बड़े ही लगन से सीख रहे हैं. सहरसा में पहली बार दो विधाओं के अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नाट्य व कथक नृत्य निर्देशकों का होना यहां के लिए गौरव की बात है. संस्थान के संरक्षक डा. के. एस. ओझा, अशोक कुमार वर्मा, रमण कुमार झा, प्रभात रंजन झा लगातार कार्यशाला का निरीक्षण करते देखे गये.(नि. सं.)
सहरसा: शशि सरोजनी रंगमंच सेवा संस्थान द्वारा विशेष गृष्मकालीन रंग कार्यशाला
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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June 09, 2017
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