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घने कोहरे शीतलहर के बावजूद उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने दूर-दूर
से लोग आये. दिवंगत श्री यादव का जन्म आजादी से दो साल पहले 12 जुलाई 1945 को सिंहेश्वर प्रखंड के गौड़ीपुर में हुआ था. इनकी स्कूली शिक्षा मनोहर दुर्गा उच्च विद्यालय सिंहेश्वर
में ही हुई. शुरू से ही कुशाग्र बुद्धि के मालिक श्री यादव ने 26 सितंबर 1972 को प्राथमिक विद्यालय डंडारी में अपना योगदान शुरू किया. उसके 11 वर्षों तक मध्य विद्यालय रघुनाथपुर मुरलीगंज में सेवा देने के बाद 1988 में सुखासन मघेपुरा में योगदान दिया. सुखासन से ही 31 मई 2005 को सेवानिवृत्त हुए. सेवानिवृत्त के बाद भी समाजिक कार्यो में अपने छोटे भाई जदयू के वरिष्ट नेता शियाराम यादव का हाथ बटाते रहे. उनको एक पुत्र और एक पुत्री थी. पीआरएस पुत्री की शादी सिंहेश्वर
प्रखंड
के सुखासन में हुई.
विधायक रमेश ऋषिदेव ने कहा समाज ने एक सच्चा शिक्षाविद खो दिया.अंतिम दर्शन के लिये जदयू जिला विजेंद्र यादव, पिंटू यादव, दीपक यादव, निर्मल चौधरी, सफीक आलम, मो. लुकमान, अधिवक्ता जगदीश यादव, अर्जुन यादव, बबलू यादव, प्रकाश जयसवाल, पवन चौधरी तथा प्रमोद चौधरी सहित सैकड़ों लोग पहुंचे.
मधेपुरा के लोकप्रिय शिक्षक नारायण यादव नहीं रहे
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 11, 2016
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