
आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि उनकी 12 सूत्री माँगे नही मानी गई तो चरणबद्ध आन्दोलन की जायेगी. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि हमारी अच्छी कार्यशैली से भारत पोलियो मुक्त घोषित हुआ. हमारी अच्छी कार्यशैली से बिहार कुपोषण मुक्त बनने की दिशा मॆ अग्रसर हुआ. हमारी बेहतरीन कार्यशैली से मातृ-शिशु मृत्यु दर मॆ कमी आयी है. हालांकि बच्चों को केंद्र पर समय से लाने के तमाम प्रयास के बावजूद कुछ बच्चे देर से आते हैं औऱ जल्द चले जाते हैं. हम लोगो ने कई बार शिकायत भी किया लेकिन अभिवावक पर कोई ध्यान नही देते और इस का खमियाजा आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं को भुगतान पड़ता है. विगत दिनो से प्रशासनिक स्तर पर जाँचकर्ता की मनमानी तथा कार्यशैली से आंगनबाड़ी कर्मी परेशान हो रही है. इन्ही सब मांगो को लेकर आज धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया गया हैं.
अपनी मांगों के बारे में उन्होंने बताया कि हमारी 12 माँगे हैं. जिनमें जिला स्तरीय जाँच दल द्वारा सेविका को अनावश्यक परेशान करना एवं चयनमुक्ति का धमकी देना बंद करो. बिना स्पष्टीकरण के दिये गये दंडादेश को वापस लो. लम्बित मानदेय एवं केन्द किराया का अविलंब भुगतान सुनिश्चत करे. बच्चों की संख्या कम होने पर सेविका/ सहायिका की मानदेय कटौती बंद करो. सेविका औऱ साहयिका को सरकारी सेवक घोषित करो आंगनबाड़ी केन्द पर मूलभूत सुविधा उपलब्ध हो. राशन की कीमत बाजार भाव से निर्धारित की जाय. सेविका को महिला पर्यवेक्षिका एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी मॆ सीधी प्रोन्नति दी जाय. बिहार सरकार के नियमानुसार 200 रुपया चिकित्सा भत्ता लागू करो समेत कई अन्य शामिल हैं.
बड़ी संख्यां में प्रदर्शनकारियों में आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ की जिला कार्यकारी अध्यक्ष अर्चना कुमारी के साथ मधु सिन्हा, मधुलता, अनिता, किशोर विभा कुमारी, बेबी कुमारी, भारती कुमारी, रेणु कुमारी, नीलम कुमारी, मंजु कुमारी, नूतन कुमारी, नीलम कुमारी, प्रमिला कुमारी आदि ने अपनी भावनाओं को प्रकट किया.
‘मांगें मानो, नहीं तो होगा चरणबद्ध आन्दोलन’: आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं के हुजूम से ठहरा मधेपुरा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 24, 2016
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