पहले रणक्षेत्र अब पुलिस छावनी में तब्दील हुआ मधेपुरा का गम्हरिया, पुलिस-पब्लिक भिडंत में चली तीस राउंड गोलियां
मतगणना के दौरान आज मधेपुरा का गम्हरिया बना रणक्षेत्र और पुलिस-पब्लिक के बीच समीकरण इतना बिगड़ा कि घंटों रोड़ेबाजी हुई है और पुलिस को स्थिति नियंत्रण में लाने में करीब तीस राउंड गोलियां चलानी पड़ गई. घटना में पुलिस कर्मिन समेत कई घायल हैं.
मिली जानकारी के अनुसार विवाद गम्हरिया प्रखंड के भेलवा पंचायत के मुखिया प्रत्याशी के मतगणना के बाद शुरू हुई. मतगणना में अनीता देवी ने मीना देवी को 64 मतों से पराजित किया तो मीना देवी के समर्थकों ने पुनर्मतगणना की मांग कर दी. पर मतदान केंद्र पर अधिकारियों का कहना था कि कम वोटों के अंतर से जीत-हार की स्थिति में पुनर्मतगणना की अनुमति दी जा सकती है, इतने अधिक वोटों के अंतर में नहीं.
मीना देवी के समर्थकों ने इसके बाद हंगामा शुरू किया तो पुलिस और प्रशासन ने उनलोगों को समझाना चाहा. पर वे नहीं माने और क़ानून को हाथ में लेने पर आमादा हो गए. गम्हरिया में तबतक मौजूद करीब ढाई दर्जन पुलिस बल ने बलप्रयोग से समझाना चाहा तो मीना देवी के करीब दो सौ समर्थक जमा हो गए और पुलिस पर रोड़ेबाजी करने लगे.
स्थिति नियंत्रण से बाहर होता देख वरीय पदाधिकरियों को सूचना दी गई तो मधेपुरा के डीएम मो० सोहैल और एसपी विकास कुमार भी मौके पर पहुंचे. बताया जाता है कि इससे पहले एएसपी राजेश कुमार और सदर एसडीओ संजय कुमार निरालाभी स्थिति को सँभालने में असमर्थ रहे.
अधिकारियों ने आनन-फानन में जिले में मौजूद और पुलिस बल को मंगाया पर कहते हैं कि आयुष ट्रेवल्स से गम्हरिया पहुंचे पुलिस बल की बस पर भी लोगों ने हमला कर दिया और बस को क्षतिग्रस्त कर दिया. जवाब में पुलिस ने नाजायज भीड़ को तितर-बितर करने के लिए करीब तीस राउंड गोलियां चलाई तब जाकर लोग भागे.
तीन-चार घंटे तक गम्हरिया रणक्षेत्र बना रहा और अब पुलिस छावनी में तब्दील है. समाचार प्रेषण तक स्थिति नियंत्रण में थी.
मिली जानकारी के अनुसार विवाद गम्हरिया प्रखंड के भेलवा पंचायत के मुखिया प्रत्याशी के मतगणना के बाद शुरू हुई. मतगणना में अनीता देवी ने मीना देवी को 64 मतों से पराजित किया तो मीना देवी के समर्थकों ने पुनर्मतगणना की मांग कर दी. पर मतदान केंद्र पर अधिकारियों का कहना था कि कम वोटों के अंतर से जीत-हार की स्थिति में पुनर्मतगणना की अनुमति दी जा सकती है, इतने अधिक वोटों के अंतर में नहीं.
मीना देवी के समर्थकों ने इसके बाद हंगामा शुरू किया तो पुलिस और प्रशासन ने उनलोगों को समझाना चाहा. पर वे नहीं माने और क़ानून को हाथ में लेने पर आमादा हो गए. गम्हरिया में तबतक मौजूद करीब ढाई दर्जन पुलिस बल ने बलप्रयोग से समझाना चाहा तो मीना देवी के करीब दो सौ समर्थक जमा हो गए और पुलिस पर रोड़ेबाजी करने लगे.
स्थिति नियंत्रण से बाहर होता देख वरीय पदाधिकरियों को सूचना दी गई तो मधेपुरा के डीएम मो० सोहैल और एसपी विकास कुमार भी मौके पर पहुंचे. बताया जाता है कि इससे पहले एएसपी राजेश कुमार और सदर एसडीओ संजय कुमार निरालाभी स्थिति को सँभालने में असमर्थ रहे.
अधिकारियों ने आनन-फानन में जिले में मौजूद और पुलिस बल को मंगाया पर कहते हैं कि आयुष ट्रेवल्स से गम्हरिया पहुंचे पुलिस बल की बस पर भी लोगों ने हमला कर दिया और बस को क्षतिग्रस्त कर दिया. जवाब में पुलिस ने नाजायज भीड़ को तितर-बितर करने के लिए करीब तीस राउंड गोलियां चलाई तब जाकर लोग भागे.
तीन-चार घंटे तक गम्हरिया रणक्षेत्र बना रहा और अब पुलिस छावनी में तब्दील है. समाचार प्रेषण तक स्थिति नियंत्रण में थी.
पहले रणक्षेत्र अब पुलिस छावनी में तब्दील हुआ मधेपुरा का गम्हरिया, पुलिस-पब्लिक भिडंत में चली तीस राउंड गोलियां
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 02, 2016
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