बिहार में अपराधियों के निशाने व्यवसायी तो हैं ही, हाल में मोतिहारी कोर्ट के जज निशांत कुमार प्रियदर्शी से जब फोन पर 25 लाख रूपये की रंगदारी मांगी गई थी तो आम लोगों ने मन में यह भय समाना स्वाभाविक था कि जब न्यायाधीश सुरक्षित नहीं हैं तो फिर हमारा क्या? और अब बिहार के बदले निजाम में जिनके जिम्मे अपराधियों को दबोचने की कमान है, अपराधी अब उनसे ही रंगदारी मांगने लगे हैं, तो अब अंदाजा करना मुश्किल है कि आम लोग कैसे सुरक्षित होंगे.
मिली जानकारी के अनुसार डीआईजी चन्द्रिका प्रसाद से अपराधी ने 20 लाख रूपये बतौर रंगदारी की मांग की और रंगदारी नहीं देने पर उन्हें जान से मारने की बात कही. डीआईजी से रंगदारी 24 जून को ही अपराधी के द्वारा फोन कर मांगी गयी थी. हालांकि सदर थाने में काण्ड अंकित कर इस मामले का अनुसंधान प्रारम्भ किया गया, लेकिन इस मामले की भनक किसी को नहीं लगी. पुलिस ने अभी तक जो जानकारी इकट्ठी की है, वह किसी से शेयर करना नहीं चाह रही है.
लेकिन हमें जो सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है वह यह है कि सीडीआर के मुताबिक़ दिल्ली के शेष नारायण यादव नाम के अपराधी ने डीआईजी से रंगदारी की मांग की है. अब बड़ा सवाल यह है की जब पुलिस के पास साक्ष्य उपलब्ध हैं तो फिर पुलिस शेष नारायण को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है.
डीआईजी ने हमसे बात करते रंगदारी मांगे जाने की बात की पुष्टि की लेकिन अनुसंधान कहाँ तक पहुंचा है, इसपर चुप्पी साध ली. जो भी हो, घटना बहुत बड़ी है और बिहार की इस रंगदारी की गूँज पूरे देश में यहाँ की ध्वस्त होती क़ानून-व्यवस्था से जोड़कर होगी, इसमें शायद ही किसी को शक होगा.
मिली जानकारी के अनुसार डीआईजी चन्द्रिका प्रसाद से अपराधी ने 20 लाख रूपये बतौर रंगदारी की मांग की और रंगदारी नहीं देने पर उन्हें जान से मारने की बात कही. डीआईजी से रंगदारी 24 जून को ही अपराधी के द्वारा फोन कर मांगी गयी थी. हालांकि सदर थाने में काण्ड अंकित कर इस मामले का अनुसंधान प्रारम्भ किया गया, लेकिन इस मामले की भनक किसी को नहीं लगी. पुलिस ने अभी तक जो जानकारी इकट्ठी की है, वह किसी से शेयर करना नहीं चाह रही है.
लेकिन हमें जो सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है वह यह है कि सीडीआर के मुताबिक़ दिल्ली के शेष नारायण यादव नाम के अपराधी ने डीआईजी से रंगदारी की मांग की है. अब बड़ा सवाल यह है की जब पुलिस के पास साक्ष्य उपलब्ध हैं तो फिर पुलिस शेष नारायण को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है.
डीआईजी ने हमसे बात करते रंगदारी मांगे जाने की बात की पुष्टि की लेकिन अनुसंधान कहाँ तक पहुंचा है, इसपर चुप्पी साध ली. जो भी हो, घटना बहुत बड़ी है और बिहार की इस रंगदारी की गूँज पूरे देश में यहाँ की ध्वस्त होती क़ानून-व्यवस्था से जोड़कर होगी, इसमें शायद ही किसी को शक होगा.
सहरसा डी.आई.जी चन्द्रिका प्रसाद से 20 लाख रंगदारी की मांग
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 27, 2016
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