‘आए हैं सो जाएगें राजा रंक फकीर, एक सिंहासन चढ़ी चढ़े दूसर चढ़े जंजीर’: भारतीय संतमत सत्संग का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न

अखिल भारतीय संतमत सत्संग का तीन दिवसीय 105 वां राष्ट्रीय सत्संग समारोह का सहरसा जिले सोनवर्षा के महुआ में संपन्न हो गया.
     इस मौके पर देश व विदेश से आए लाखों की संख्या में आए श्रद्धालुओं ने भाग लिया और संत महात्माओं के प्रवचन को सुनकर लाभ उठाया. इस अवसर पर बोलते हुए संतमत के वर्तमान आचार्य बाबा हरिनंदन जी महाराज ने कहा कि ‘आए हैं सो जाएगें राजा रंक फकीर, एक सिंहासन चढ़ी चढ़े दूसर चढ़े जंजीर’ उन्हें इसकी व्याख्या कर कहा कि इस संसार में जो भी आए हैं उसे एक दिन यह संसार को छोड़कर जाना होगा. चाहे वह राजा हो या गरीब उसे देह का त्याग करना होगा. जब मृत्यु सत्य है तो फिर मोह किस बात का, आज से आप उस काम में लग जाइए जिस काम के लिए आपको मनुष्य का शरीर मिला है, वह काम है ईश्वर की प्राप्ति व उन तक पहुँचने का मार्ग.
    कुप्पाघाट से आए गुरू सेवी भागीरथ बाबा ने कहा कि जीव की वासना हीं उसे संसार चक्र में घुमाती है, उससे बचने के लिए हमें उपाय ढ़ूढना होगा. यह तभी संभव होगा जब आप योग्य गुरू को खोजकर उनसे मुक्ति का मार्ग जानेगें. समारोह को पूज्य श्री स्वामी हरिनंदन बाबा, जम्मू से आए आत्मानंद बाबा, हरिद्वार से आए सत्यानंद बाबा, स्वामी विवेकानंद समेत अन्य ने संबोधित किया. 
(रिपोर्ट: रानी देवी)
‘आए हैं सो जाएगें राजा रंक फकीर, एक सिंहासन चढ़ी चढ़े दूसर चढ़े जंजीर’: भारतीय संतमत सत्संग का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न ‘आए हैं सो जाएगें राजा रंक फकीर, एक सिंहासन चढ़ी चढ़े दूसर चढ़े जंजीर’: भारतीय संतमत सत्संग का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 14, 2016 Rating: 5

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