"डर्टी पिक्चर": मधेपुरा में कचरे के ढेर और नाले के पानी में जीने को विवश हैं लोग

भले ही देश में स्वच्छता के नाम पर एक से बढ़करएक अभियान चलाए जा रहे हों, पर मधेपुरा जिला मुख्यालय के नगर परिषद् क्षेत्र में लोग कूड़े-कचरे और बदबूदार गंदे पानी के बीच जीने को बेबश व मजबूर हैं. स्वच्छता के नाम पर भले ही नगर परिषद् साफ़-सफाई को लेकर सजगता की सफाई पेश कर रहा है लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और हीं बयाँ कर रही है.
        जहाँ स्वच्छता के नाम पर लाखों व करोड़ों खर्च कर नगर परिषद् खानापूरी कर कागजी घोड़ा दौड़ा रहा है वहीँ नगर परिषद् क्षेत्र के लोग गंदगी और कूड़े-कचरे व सड़क पर जमा बदबूदार पानी के बीच गुजर-वसर करने पर मजबूर हो रहे हैं. इतना हीं नहीं, जिला मुख्यालय के स्कूलों के गेट पर भी गंदगी के बीच लोग खुले में शौच व पेशाब करने पर मजबूर हैं और स्कूली छत्राओं को भी आने-जाने में हो रही है भारी परेशानी. शर्म से अपना सर झुका कर स्कूली छात्रा मजबूरन स्कूल जाने पर है बेबश. नगर परिषद् मधेपुरा क्षेत्रीय लोगों को झूठे निर्मल भारत का सपना दिखाकर हो रहे हैं मालामाल. जिलाधिकारी भी दे रहे है आवश्यक कार्रवाई करने का हवाला.
       एक बार मधेपुरा नगर परिषद् क्षेत्र के लक्ष्मीपुर मुहल्ला में घुसकर तो देखिये. सड़क पर जमा कूड़ा-कचड़ा और नाले के बदबूदार पानी से आपका गुजरना मुश्किल हो जाएगा. दूसरी तरफ जिला मुख्यालय का एस.एन.पी.एम हाई स्कूल का गेट जहाँ खुले में किए गए शौच तो आप कभी-कभी देख ही सकते हैं, गेट पर अक्सर मूत्र विसर्जन करते युवक स्वच्छता अभियान व निर्मल भारत की पोल ही नहीं खोलते, बल्कि संस्कार का प्रदर्शन भी करते मिल जायेंगे. ये स्कूल का गेट है और लड़कियां शर्म से अपना सर झुका कर स्कूल जाती है. नगर परिषद् क्षेत्र के अधिकाँश लोग परेशान हैं और कूड़े-कचड़े व मुहल्ले में सड़क पर जमा बदबूदार पानी से महामारी फैलने की आशंका भी जता रहे हैं.
     जिला मुख्यालय के पंचमुखी चौक से मेन रोड को जोड़ने वाली सड़क तो पूरी प्रशासन और नगर परिषद् को ही कटघरे में खड़ा करती है. खासकर जमा पानी के कारण छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को भी आने-जाने में हो रही है भारी परेशानी. महज 200 मीटर की दूरी पर है जिलाधिकारी महोदय का सरकारी आवास. नगर परिषद् के अध्यक्ष विशाल कुमार बबलू भी स्वच्छता को लेकर खुद को जागरूक बता रहे हैं और पूरे नगर परिषद् क्षेत्र में साफ़-सफाई का दावा भी ताल-ठोककर पेश कर रहे हैं. यही नहीं, वे मधेपुरा टाइम्स को ये भी बता रहे हैं कि मधेपुरा नगर परिषद् साफ-सफाई के नाम से जाना जाता है. जब इस मामले को लेकर मधेपुरा टाइम्स ने जिलाधिकारी मो सोहैल के सामने इस पर सवाल रखा तो तो जिलाधिकारी महोदय ने दो दिन पहले ही बताया था कि जल्द इस मामले में कार्रवाई की जा रही है पर आज भी गन्दा पानी सड़कों पर उसी तरफ जमा है. हालांकि लक्ष्मीपुर मुहल्ले के नरक भोग रहे लोगों ने कहा कि प्रशासन की तरफ से पानी निकासी का प्रयास किया गया था, पर निकासी सफल नहीं हो सका और गन्दा पानी उसी तरह जमा है.
       जाहिर है, पूरे एपिसोड से तो यही लगता है कि कम से कम मधेपुरा में स्वच्छता अभियान की गाड़ी पंक्चर हो चुकी है और निर्मल भारत का यहाँ झूठा सपना दिखाया जा रहा है.
 इस वीडियो में देखें कैसे जीते हैं लोग, यहाँ क्लिक करें.
"डर्टी पिक्चर": मधेपुरा में कचरे के ढेर और नाले के पानी में जीने को विवश हैं लोग "डर्टी पिक्चर": मधेपुरा में कचरे के ढेर और नाले के पानी में जीने को विवश हैं लोग Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 08, 2016 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.