नवजात काली मंदिर के पास मृत: क्यों माँ ने धरा काली का रूप?

बेटियों के प्रति जहाँ पूरा विश्व और हर समुदाय संवेदनशीलता का प्रदर्शन कर रहा है, वहीँ एक वर्ग अभी भी बेटियों के जन्म को अभिशाप ही मानकर चल रहा है. बड़ी-बड़ी बातें करने वाले भी कई लोग जन्म से पहले अल्ट्रासाउंड करा कर यह संतुष्ट होना चाह रहा है कि गर्भ में बेटी तो नहीं है?
    मधेपुरा जिला के चौसा प्रखंड मुख्यालय के सटे काली स्थान के पास बांस बिट्टी में एक नवजात शिशु फेंका हुआ मिला जो मर चुका था. बताते हैं कि शाम के वक्त चौसा बस्ती से लोग शौच के लिए काली स्थान के पास बाँस बिट्टी जा रहे थे कि एक नवजात शिशु का शव देखा. हल्ला करने पर लोग जमा हुए और देखा कि शव नव्जार लड़की का है.  लोगों का अंदाजा था कि मौत की गहरी नींद में सुला दी जाने वाली बच्ची मौत से पहले स्वस्थ रही होगी.
    मौजूद लोग दो तरह की आशंका जाहिर कर रहे थे. पहली कि बेटे की चाह में मरी जा रही किसी मां ने इस लड़की को पहले जिन्दगी और फिर मौत दे दी या फिर ये बच्ची किसी 'अवैध' सम्बन्ध का परिणाम होगा. जो भी हो, ये सारी परिस्थितियां शर्मनाक है जिसने एक बेटी को मौत दिया है.
नवजात काली मंदिर के पास मृत: क्यों माँ ने धरा काली का रूप? नवजात काली मंदिर के पास मृत: क्यों माँ ने धरा काली का रूप? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 17, 2015 Rating: 5

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