“छुप गए सारे नज़ारे
ओए क्या बात हो गई,
ओए क्या बात हो गई,
तूने काजल लगाया,
दिन में रात हो गई.”
दिन में रात हो गई.”
वर्ष 1969 में बनी राजेश खन्ना और
मुमताज अभिनीत हिन्दी फिल्म ‘दो रास्ते’ में भले ही प्रेमी ने ये गाना प्रेमिका की तारीफ़ में गाए
हों, पर मधेपुरा में आज सचमुच काफी देर तक दिन में रात का अहसास हुआ. गाने में भले
सबकुछ सुखान्त रहा हो, पर आज दिन की आंधी और बारिस ने जिले में कम से कम किसानों
को तकलीफ तो दे ही डाली है. यानी मधेपुरा में दिन में हुई रात दुखांत साबित हुआ.
आज दिन के तीन बजे के आसपास पहले
तो अचानक से चारों तरफ अँधेरा छा गया और फिर जब तक में लोग कुछ समझते आंधी-तूफ़ान
के साथ बारिस शुरू हो गई. जमीन पर तो जीना मुहाल हुआ ही, आसमान से भी बिजली आफत
बनकर गिरने लगी. कडकती बिजली और आंधी-तूफ़ान ने लोगों के जेहन में इस कदर भय पैदा
कर दिया कि लोगों ने घरों और सुरक्षित जगहों पर दुबके रहने में ही अपनी भलाई समझा.
करीब घंटे भर दिन में रात जैसा वातावरण दिख रहा था. कार्यालयों के बरामदों में तो आदमी
और जानवर साथ-साथ जान बचाने को खड़े थे.
लोग इस तरह के भयावह दृश्य को
देखकर अचंभित थे वहीँ किसानों का कहना था कि वैसे ही क्या कम दर्द मिल रहा है हमें?
उपरवाले ने मकई और गेहूं को भी आज बर्बाद कर दिया. वहीँ एक सज्जन ने दिन में हुए
अँधेरे पर चुटकी लेते हुए हमसे कहा कि ये दर्शाता है कि आपलोग लाख प्रयास कर
लीजिए, पर मधेपुरा में अँधेरा कायम रहेगा......(नि० सं०)
(देखिये इस वीडियो में आज का दृश्य, यहाँ
क्लिक करें)
छुप गए सारे नज़ारे....दिन में रात हो गई
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 30, 2015
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