आज शहादत दिवस के दिन से मधेपुरा जिला मुख्यालय के
डाक बंगला रोड का नाम ‘शहीद चुल्हाय मार्ग’ हो गया है.
मधेपुरा
के बुद्धिजीवियों और आम नागरिकों की उपस्थिति में ‘शहीद चुल्हाय मार्ग’ का उदघाटन आज जिला परिषद् अध्यक्षा मंजू देवी के द्वारा
किया गया और इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नगर परिषद् के मुख्य पार्षद डॉ० विशाल
कुमार बबलू के साथ मुरलीगंज के वार्ड पार्षद श्वेत कमल बौआ, डॉ० भूपेंद्र नारायण
यादव मधेपुरी, डॉ० अशोक कुमार, अनिल यादव, शौकत अली, ध्यानी यादव, विश्वजीत कुमार,
मो० मुश्ताक समेत दर्जनों अन्य लोग भी मौजूद थे.
कौन थे शहीद चुल्हाय?: चुल्हाय मधेपुरा जिला
के मनहरा (सुखासन) के क्रांतिकारी थे जिन्होंने अंग्रेजों की गुलामी के दौरान वर्ष
1943 में अनुमंडल कचहरी मधेपुरा में तिरंगा फहराने के प्रयास में अंग्रेजों के
हाथों पकड़े गए थे और अंग्रेज पुलिस ने उनके पैर में रस्सी बांधकर इसी डाक बंगला रोड
में घसीटते हुए उन्हें डाक बंगला परिसर में ले जाकर एक पेड़ से उल्टा लटका देते हैं
और दो दिनों के बाद चुल्हाय को जेल भेज दिया जाता है. इसी क्रम में आज के ही दिन
30 जनवरी को फूलचन्द के पुत्र चुल्हाय यादव अपनी शहादत दे देते हैं. 22 वर्षीय चुल्हाय इस घटना से पहले पहली बार अपनी पत्नी को घर लाये थे. आजादी के बाद
16 अगस्त 1947 को मधेपुरा के लोगों ने डाक बंगला से लेकर जेल गेट तक जहाँ-जहाँ
चुल्हाय का खून गिरा था, वहां-वहां शहीद चुल्हाय द्वार बनाकर उन्हें याद किया था.
मधेपुरा के डाक बंगला रोड का नाम आज से हुआ ‘शहीद चुल्हाय मार्ग’
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 30, 2015
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