नरपिशाच व जल्लाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल फर्जी डिग्रीधारी चिकित्सकों के लिए किया था, मिलकर काम करेंगे आईएमए और सांसद: पटना में आईएमए की बैठक में बोले सांसद
मधेपुरा के सांसद पप्पू
यादव द्वारा चिकित्सकों के खिलाफ चलाये गए अभियान पर जारी गतिरोध पर फिलहाल विराम
लगता दीख रहा है. पटना में आज करीब तीन घंटे चली आईएमए और भाषा के साथ सांसद पप्पू
यादव की बैठक के बाद निकले निष्कर्ष के अनुसार यह तय हुआ कि
चिकित्सा व्यवस्था को अधिक जनोपयोगी और सेवाप्रद बनाने के लिए आइएएम, भासा और हम सब
मिलकर काम करेंगे, ताकि स्वास्थ्य सेवा में व्याप्त
अविश्वास को समाप्त किया जाए और समाज में चिकित्सकों का मान-सम्मान बरकरार रहे.
बैठक समाप्ति के बाद सांसद पप्पू यादव ने अपने फेसबुक वाल पर इस
शब्दों में प्रतिक्रिया व्यक्त की:
“चिकित्सा
व्यवस्था में सुधार और डॉक्टरी पेशा के सम्मान के लिए चलाए गए हमारे अभियान
में आइएमए बिहार और भासा ने सहयोग का भरोसा दिलाया है। आज
पटना में हमारे साथ आइएमए हॉल में आइएमए व भासा के
पदाधिकारियों की करीब तीन घंटे चली बहस व विमर्श के बाद डॉक्टरों ने स्वीकार किया कि हर पेशे में कुछ खामियां होती हैं
और डॉक्टरी पेशा उससे अलग नहीं
है। लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि वह बीपीएल मरीजों की फीस में रियायत करेंगे। यह भी तय हुआ कि नर्सिंग होम के बोर्ड
पर सरकारी डॉक्टरों के नाम अंकित
नहीं होंगे। डॉक्टर प्रतिनिधियों का आग्रह था कि फीस निर्धारण को
लेकर कोई सीमा नहीं तय की जाए। मैंने कहा कि फीस आम आदमी के वश का हो, क्योंकि बेहतर व अनुभवी डॉक्टर से इलाज
कराने का हक सबों को है। चिकित्सकों
को चाहिए कि वे बेवजह जांच निजी फायदे के लिए न लिखें। ठीक इसी तरीके से फर्जी पैथोलॉजी केंद्रों पर भी अंकुश लगाना
होगा। इसका विरोध कतई ठीक नहीं है
कि हम पैथोलॉजी केंद्रों से जांच दर की समानता व बोर्ड पर
मूल्य लिखे रहने का आग्रह कर रहे हैं। साथ में, डॉक्टरों को
प्रोपगंडा कंपनी की दवाएं नहीं लिखनी चाहिए, क्योंकि ये
दवाएं न सिर्फ बिना मतलब महंगी होती है,
बल्कि
मर्ज में ठीक से काम भी नहीं आती है। हमने कहा कि नरपिशाच व जल्लाद
जैसे शब्दों का इस्तेमाल फर्जी डिग्रीधारी चिकित्सकों के लिए किया
था। सेवा भाव से इलाज करने वाले डॉक्टरों के लिए हमने इन
शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया था। हमने कहा कि विमर्श में शामिल डॉ एसएन आर्या, डॉ नरेंद्र सिंह जैसे सम्मानित व पितालुल्य
चिकित्सकों के लिए इन शब्दों का
इस्तेमाल कभी नहीं किया जा सकता। इस बहस में
हमने यह भी स्पष्ट किया कि सहरसा में 13 अक्टूबर को
आयोजित होने वाली जन अदालत अपने निर्धारित
कार्यक्रम के अनुसार होगी। यह जन अदालत जनता में स्वास्थ्य सेवा को लेकर जागरूकता के लिए है। सरकारी स्वास्थ्य
व्यवस्था को सुदृढ़ किया
जाए, तो अनेक समस्याओं का समाधान हो जाएगा। इस बैठक में यह
भी तय हुआ कि चिकित्सा व्यवस्था को अधिक
जनोपयोगी और सेवाप्रद बनाने के लिए आइएएम,
भासा
और हम सब मिलकर काम करेंगे, ताकि स्वास्थ्य सेवा में व्याप्त अविश्वास को समाप्त किया जाए और समाज में
चिकित्सकों का मान-सम्मान
बरकरार रहे।"
नरपिशाच व जल्लाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल फर्जी डिग्रीधारी चिकित्सकों के लिए किया था, मिलकर काम करेंगे आईएमए और सांसद: पटना में आईएमए की बैठक में बोले सांसद
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 26, 2014
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