मतदाता सूची सुधार: अधिकारियों की सुस्ती से कई मतदान केन्द्रों पर परेशान रहे मतदाता

|विकास आनंद/डिक्शन राज|09 मार्च 2014|
निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदाता सूची में नए नाम जोड़ने और नाम में संशोधन के लिए जिले भर के पोलिंग बूथों पर आज अधिकारी तो उपस्थित हुए पर जिले के कई बूथों पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रपत्र-6 उपलब्ध नहीं कराये जाने से वोटरों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा.
      मुरलीगंज से मिली जानकारी के अनुसार वार्ड नं. 8 के भाग-18 पर फॉर्म उपलब्ध नहीं रहने के कारण सूची में सुधार करवाने और नए नाम जुड़वाने वाले कई मतदाता पहले तो घंटे फॉर्म के इन्तजार में खड़े रहे. बूथ पर मौजूद बीएलओ ने पहले तो इन्तजार करवाया फिर बाजार से फॉर्म खरीद कर लाने को कह दिया. बूथ पर मौजूद रोहित कुमार, आशीष कुमार आदि ने बताया कि वे बाजार से 5-5 रूपये में फॉर्म खरीद कर लाये तब जाकर मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का आवेदन दे पाए हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने जब मधेपुरा सहायक निर्वाची पदाधिकारी को फोन किया तो उन्होंने एक घंटे के अंदर फॉर्म भिजवाने का आश्वासन दिया पर शाम चार बजे तक फॉर्म नहीं आ सका. बूथ संख्यां 13, 14, 15 आदि में भी ऐसी ही स्थिति रही.
      उधर गम्हरिया में भी नीलम देवी, रूबी देवी, रजिया खातून, कविता देवी समेत दर्जनों ऐसे मतदाता थे जो भूल सुधार करवाने आये थे और उन्हें बाजार से दस-दस रूपये में फॉर्म खरीदना पड़ा. कई लोगों का यहाँ तक कहना था कि बाद में वहाँ मौजूद बीडीओ रविन्द्र साह ने यह कहकर भूल सुधार करवाने आये कई मतदाताओं को लौटा दिया कि यह सिर्फ 18 से 19 साल के नए मतदाताओं का नाम जुड़वाने का कार्यक्रम है.
      मधेपुरा जिला मुख्यालय के कई बूथों की भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही. कई बूथों पर तो बीएलओ के ही नहीं आने की सूचना है. हालाँकि मधेपुरा के जिलाधिकारी, बीडीओ समेत कई अधिकारियों ने बूथों पर जाकर समस्या सुलझाने का प्रयास किया, पर डर है कि कई अधिकारियों की सुस्ती कहीं कई वोटरों को लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा बनने में बाधा न बन जाए.
मतदाता सूची सुधार: अधिकारियों की सुस्ती से कई मतदान केन्द्रों पर परेशान रहे मतदाता मतदाता सूची सुधार: अधिकारियों की सुस्ती से कई मतदान केन्द्रों पर परेशान रहे मतदाता Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 09, 2014 Rating: 5

1 comment:

  1. इसमें प्रशासन का लचर व्‍यवस्‍था साफ साफ दिखाई दे रहा है पहले भी कई बार फार्म भ्‍ारवा चुकी है लेकिन पहचान पत्र नही बना पाया अब फिर प्रशासन बार बार फार्म भरवा रही है प्रशासन कही मानसिक रूप से बीमार तो नहीं हो रही है निर्वाचन विभाग का प्रशासन चूतिया है जो जनता को चूतिया बना रहा है

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