हत्यारिन राज्यरानी: देखें वीडियो कैसे कटे लोग गाजर-मूली की तरह

 |वि० सं०|20 अगस्त 2013|
ऐसी ट्रेन लोगों ने देखी नहीं थी. लोगों को सुविधा देने वाली ट्रेन ने ही बिना चेतने का मौका दिए तीन दर्जन से अधिक लोगों को गाजर-मूली की तरह काट दिया. किसी भाई का पैर कटा तो किसी पति का सर, किसी बाप का धड़ अलग हो गया तो सपने तो कई घरों के टुकड़े-टुकड़े हुए.
      सरकार ने मुआवजे की घोषणा की तो रेलवे ने भीड़ के द्वारा आक्रोश में जलाये गए बोगियों से दस करोड़ के घाटे की बात कही. मानो दस करोड़ कहने वाले अधिकारियों के बाप की गई हो. जनता का पैसा था जनता ने अपना गुस्सा उतारा.
      क्या रेल प्रशासन उन लाशों का मूल्य लगा सकती है ? दस अरब खर्च करने पर भी न किसी महिला का सुहाग वापस आ सकता है और न किसी माँ का बेटा. अब रेलवे प्रशासन और स्थानीय प्रशासन को कौन समझाए कि जिम्मेवारी अपने ऊपर लो और तुम्हारी कर्तव्यहीनता से जो इतनी जिंदगियां एकसाथ गई हैं, उसका किसी तरह प्रायश्चित करो.
हत्यारिन राज्यरानी: देखें वीडियो कैसे कटे लोग गाजर-मूली की तरह हत्यारिन राज्यरानी: देखें वीडियो कैसे कटे लोग गाजर-मूली की तरह  Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 20, 2013 Rating: 5

3 comments:

  1. i am a consistent follower of your news. Media is termed as the fourth pillar of democracy and hence the responsibility also increases. Dhamara incident is very heartening and painful. No one can bring back the lost life not even the killing of driver or burning of train. I cannot understand if you are criticizing the failure of government machinery how u can justify the horrifying act of killing someone.....I hope my comment will be taken in a positive note.

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  2. ये घटना हृदय विदारक है और अत्यंत दुखद है ! वीडियो देखी आहत हुआ परंतु इस से ज़्यादा मैं उन तथाकथित विद्वानों से भी आहत हूँ जो उन यात्रियों और मारे गये लोगों को इसका ज़िम्मेदार मान रहे हैं! मैं उनलोगों की ग़लती से इनकार नही करता चालक के मारे जाने की भी निंदा की जानी चाहिए पर वहाँ की जनता को मूर्ख कहने से पहले उनकी मजबूरी भी समझनी चाहिए उस क्षेत्र में सड़क की सुविधा नही है एक मात्र विकल्प रेल है भीड़ बहुत थी रेलवे प्रशासन की ज़िम्मेदारी भी है की लोगों को चेतावनी दी जाए इतने लोग वहाँ थे तो रेलवे कर्मचारी क्या सो रहे थे ?ट्रेन की इतनी गति क्यों थी? पुलिस क्या कर रही थी ? कोई भी लोग वहाँ पे स्टंट नही कर रहे थे और कोई जान बुझ के अपनी जान जोखिम मे नही डालता ये हमारे तथाकथित विद्वानों को समझनी चाहिए! बड़े शहर में बैठ के किसी देहात पे कॉमेंट करने से पहले वास्तविकता पर भी ध्यान दें! धन्यवाद!!

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  3. इसमेँ रेल परशासन की गलती हैँ ASM को निलंबित कर देना चाहिए

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