|पटना|16.08. 2013|
बिहार प्रगतिशील लेखक संघ ने लेखक व दलित चिंतक कँवल भारती
पर उप्र सरकार द्वारा थोपे गये मुकदमें को गैरसंवैधानिक अमानवीय कृत्य बताते हुए इसे तुरत वापस
लेने तथा लेखकों की अभिव्यक्ति को अक्षुण्ण बनाये रखने की अपील करते हुए
बिहार प्रलेस के कर्यसमिति सदस्य और पदाधिकारियों नें कँवल भारती के पक्ष मे
अपनी एकजुटता प्रगट की है। महासचिव राजेन्द्र राजन ने उप्र सरकार की इस कार्यवाही की भर्त्सना करते हुए कँवल भारती
पर लगाये गये झूठे आरोपों को वापस लेने एवं लेखकों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति को सुनिश्चित करने की
मांग की। कँवल भारती के पक्ष में बिहार प्रलेस के सभी रचनाकर्मी साथियों ने
अपनी एकजुटता प्रगट की, जिनमें प्रमुख थे- डा. खगेन्द्र
ठाकुर, ब्रजकुमार पाण्डेय, अरुण कमल, डा. रवीन्द्र्नाथ राय, डा. पूनम सिंह, संतोष दीक्षित, शहंशाह आलम, विश्वनाथ, अरुण शीतांश, नूतन आनंद, कर्मेंदु शिशिर, अनिरुद्ध सिन्हा, नरेन्द्र कु. सिंह, कृष्ण कुमार, अनिल पतंग, राजकिशोर राजन, डा. रानी श्रीवास्तव, अरुण हरलीवाल, प्रो.
शचीन्द्र, संतोष श्रेयांश, महेन्द्र ना. पंकज, रहबान अली राकेश, प्रमोद कु. सिंह, मिथिलेश कु. विप्लवी आदि..
-अरविन्द श्रीवास्तव, बिहार प्रलेस मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता (मोबा.- 9431080862.)
द्वारा जारी
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