जिला मुख्यालय समेत कुछ थानाक्षेत्रों की बात छोड़
दें तो जिले के कई इलाकों की पुलिस मौज में हैं. इलाके में गश्ती तो दूर की बात है
ड्यूटी के दौरान भी इन्हें नींद मारने से फुर्सत नहीं होती है. मुरलीगंज थाना के
जीतापुर-भतखोडा टीओपी भले ही एन एच 107 के बगल में हो पर यहाँ तैनात पुलिस अपनी
ड्यूटी दिन में भी घंटों नींद मारकर पूरी करती है. इस टीओपी के बाहर शायद इसी
उद्येश्य से एक मचान का निर्माण कराया गया है. स्थिति ये है कि इन पुलिसकर्मियों
की अकर्मण्यता की वजह से ये टीओपी अपने निर्माण का उद्येश्य खो चुका है और इसके
निर्माण के समय से ही इस इलाके में हो रहे अपराध में कोई कमी नही आई है.
स्थानीय
लोग बताते हैं कि इस टीओपी की स्थापना वर्ष 2010 में तत्कालीन एसपी वरुण कुमार
सिन्हा के द्वारा तब की गई थी जब यहाँ के एक भाजपा नेता रविन्द्र सिंह की हत्या हो
गई थी. इस टीओपी पर पुलिस के तैनात रहते भी पूर्व में यहाँ के बैंक में दो बार
सेंध और कई दुकानों में चोरियां हो चुकी हैं. कई घटनाओं के बाबजूद यहाँ तैनात
पुलिस जगी नहीं है और आज तक सो रही है.
रविवार
को जब दिन के 11 बजे के करीब मधेपुरा टाइम्स इस टीओपी पर रिपोर्ट बनाने वहां
पहुंची तो तैनात पुलिस रायफल-वर्दी कमरे के अंदर टांग कर बाहर मचान पर सो रही थी.
पुन: 1.30 बजे वापस आने पर उनके खर्राटे जारी थे. जाहिर सी बात है जीतापुर-भतखोडा
के लोगों को अपनी सुरक्षा खुद करनी होगी.
सोई पुलिस...कैसे हो जनता की सुरक्षा ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 20, 2013
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