वि० सं०/05/12/2012
चौसा बीडीओ की बेलगाम गाड़ी ने जहाँ एक अविवाहित युवक
की जान ले ली वहीं घायलों के परिवार में अभी भी दहशत का वातावरण है और उनकी रूहें
हर वीआईपी गाड़ी को देखकर काँप उठती है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार
दुर्घटना के वक्त मौत की गाड़ी की कमान बीडीओ के सरकारी ड्राइवर के हाथ नहीं बल्कि
एक ट्रैक्टर ड्राइवर के हाथों सौंप दी गयी थी. सूत्रों की मानें तो चौसा बीडीओ ने
अपने ड्राइवर को किसी व्यक्तिगत काम से जिले से बाहर भेज दिया था और इस सरकारी
गाड़ी की कमान चौसा के ही एक ट्रैक्टर ड्राइवर को तत्काल दे दिया गया था. बताया जाता है कि इस ड्राइवर ने मधेपुरा से लौटते समय दारू का पैग चढ़ा
लिया था.
जिलाधिकारी अनभिज्ञ: मधेपुरा जिले के चौसा बीडीओ की
गाड़ी से भले ही दिल दहला देने वाली दुर्घटना हो गयी हो पर दुर्घटना के करीब अठारह घंटे
बाद भी जिला पदाधिकारी तक के पास इस घटना की पूरी जानकारी नहीं थी. दोपहर बाद
जिलाधिकारी उपेन्द्र कुमार से पूछने पर उन्होंने बताया कि अभी उन्हें पूरी जानकारी
नहीं मिली है जबकि जब सुबह में उनसे फोन पर इस दुर्घटना के बारे में पूछा गया था
तो उन्हें उनके अधीनस्थ अधिकारी चौसा बीडीओ की गाड़ी से होने वाली मौत के बारे में
कुछ भी पता नहीं था जबकि घटना कल शाम की ही है.
आम आदमी के जान की कीमत कुछ भी नहीं: यदि आप मधेपुरा
जिले में रहते हैं तो सावधान हो जाइये. आपके जान की कीमत यहाँ प्रशासन की नजर में
कुछ भी नहीं और वो भी यदि किसी सत्ता के मद में चूर अधिकारी की गाड़ी से टकरा कर आप
मर जाते हैं तो पहले से अपने परिवारवालों को बता दीजिए कि उनकी मौत की कीमत कुत्ते
की मौत से कुछ ज्यादा नहीं. उनकी गुहार प्रशासन के सामने व्यर्थ जाने वाली है.
दुर्घटना
हुए एक दिन बीत गया है और अब जिले के कई अधिकारी इस दुर्घटना को एक अलग रंग देने
में जुट गए हैं ताकि उनके महकमे के किसी अधिकारी पर कोई आंच नहीं आये भले ही मृतक
इन्द्रदेव के परिवार का दीपक सदा के लिए बुझ गया.
बीडीओ गाड़ी हादसा: ट्रैक्टर ड्राइवर चला रहा था मौत की गाड़ी !
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 05, 2012
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motor vehicle ac bahut kamjor hai..jyada se jyada do sal ke saja hoti hai..aur offence bhi bailable hai...jab tak sakht kanoon nahi banega ye halat bani rahegi
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