‘एन.एच.’ यानी ‘नहीं है’ सड़क

ब्यूरो रिपोर्ट/23/11/2012
मधेपुरा जिले को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल में दो एन.एच. (नेशनल हाइवे यानी राष्ट्रीय राजपथ) बिहपुर-बीरपुर संख्यां. 106 और महेशखूंट-पूर्णियां संख्यां. 107 तो जरूर मिला लेकिन सिर्फ बिहार सरकार की सड़कों के नाम बदल दिए गए. आज तक एन.एच के प्राक्कलन के मुताबिक़ न तो सड़क की चौड़ाई बढ़ाई गयी और न ही गुणवत्तापूर्ण निर्माण ही कराये गए. हैरत की बात तो यह है कि सड़क निर्माण के नाम पर अबतक अरबों रूपये खर्च दिखा कर डकार रहे हैं अधिकारी और ठेकेदार.
            बता दें कि बारहों मास आपको इन सड़कों पर मरम्मती कार्य चलते, सड़क में चिप्पी लगाते इक्के-दुक्के मजदूर एक-एक ड्राम तारकोल के साथ जरूर दिखेंगे लेकिन सड़कें की सेहत आपको जस-का-तस नजर आएगा. यानी लूट का ये धंधा बन चुका है. एक रिपोर्ट पर गौर करें तो खास कर मधेपुरा जिले के एनएच की मरम्मती के नाम पर जितनी राशि अब तक खर्च की गयी है अगर उस राशि से एनएच के नियमानुसार सड़क बनाई जाती तो बिहार सरकार की इन पुरानी सड़कों को तोड़कर नई सड़कें बन जाती. हालात को देखकर यही लगता है कि बिहार सरकार के अधिकारी इन केन्द्रीय योजनाओं की राशि को बीरबल की गर्म खिचड़ी बनाकर धीरे-धीरे चम्मच से खा रहे हैं. इलाके की जनता अपनी मौत का फरमान लेकर इन सड़कों पर चलने को मजबूर है और केन्द्र तथा बिहार सरकार चैन की बंशी बजा रही है.
‘एन.एच.’ यानी ‘नहीं है’ सड़क ‘एन.एच.’ यानी ‘नहीं है’ सड़क Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 23, 2012 Rating: 5

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