संवाददाता/02/10/12
गांधी-शास्त्री जयन्ती के अवसर पर मधेपुरा में
विपक्षी पार्टी के नेताओं ने नीतीश सरकार के खिलाफ भड़ा हुंकार. सभी नेताओं ने एक
स्वर से कहा कि यह सरकार निरंकुशता कला प्रतीक है और इसे अब एक क्षण भी सत्ता में
बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
स्थानीय
परिसदन में आयोजित संवाददाता सम्मलेन को संबोधित करते हुए मधेपुरा के राजद विधायक
प्रो० चंद्रशेखर ने कहा कि लोकशाही नौकरशाही के पैर की जूती बन गयी है. बापू का
सपना चकनाचूर हो गया. हक मांगने पर लाठियां बरसती हैं. गुंडों के बल पर
आंदोलनकारियों को खदेरा जाता है. राष्ट्र निर्माता शिक्षकों के साथ घृणित व्यवहार
किया जाता है. बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुशासन का दंभ भरने में शर्म
नहीं आती. उन्होंने कहा कि विगत एक सप्ताह से बिहार के विभिन्न जिलों में नियोजित
शिक्षकों पर जिस प्रकार दमनात्मक कार्यवाही हो रही है, झूठे मुकदमों में फंसाए जा
रहे हैं, इससे तो अआपात्काल की याद ताजा हो गयी है. विधायक प्रो० चंद्रशेखर ने कहा
कि सरकार अपनी दमनात्मक कार्यवाही रोके. नियोजित शिक्षकों एवं अन्य पीडितों से
सम्मानजनक बातचीत कर उसकी समस्याओं का समाधान करे, अन्यथा इसके गंभीर परिणाम
होंगे.
भाकपा
के जिला मंत्री प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपने हक के लिए
विरोध प्रदर्शन करना नागरिक का मौलिक अधिकार है. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में
विभिन्न स्थानों पर मुख्यमंत्री की सभा में हुए विरोध राजनीतिक दलों का विरोध नहीं
यह विरोध भूख एवं अपमान का दंश झेल रहे लोगों का है. गरीबी, बेकारी, बाढ़ , सुखाड़
से त्रस्त लोगों का है. इसका धैर्य अब टूट रहा है. नीतिश कुमार इसे समझें और
तानाशाही रवैया छोड़ समस्या का निदान करें. नहीं तो सरकार इसके ताप से ही जल
जायेगी.
राजद
जिलाध्यक्ष प्रो० अरविन्द कुमार ने कहा कि नीतीश सरकार निरंकुश एवं निकम्मी है.
पिछले दिन बेगुसराय और खगडिया में सरकार के घटक, भाजपा के छात्र संगठन एवीभीपी
द्वारा विरोध किया जाना इस बात का प्रमाण है कि सरकार के अंदर भी अंतर्कलह एवं
गुस्सा है. उन्होंने कहा कि सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन शिक्षकों के साथ
अमानवीय व्यवहार कर रही है. शीघ्र इसपर रोक लगे. सरकार इनकी मांगें माने अन्यथा
राजद चुप नहीं बैठेगी.
माकपा
के जिलामंत्री गणेश मानव ने कहा कि राज्य में व्याप्त घपने, घोटाले एवं भ्रष्टाचार
से जनता का ध्यान हटाने के लिए मुख्यमंत्री की अधिकार यात्रा है. उन्होंने कहा कि
सरकार नियोजित कर्मियों को अधिकार दें और दमन का रास्ता बंद करे.
लोजपा
के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय यादव ने कहा कि नीतीश का जादू अब समाप्त हो चूका है.
दलित-महादलित, पिछड़ा-अतिपिछड़ा के बंटवारे से अब काम नहीं चलेगा. अब रोटी चाहिए,
रोजगार चाहिए, सभी को सामान अधिकार चाहिए. नहीं तो नीतीश के बदले कोई और चाहिए.
कॉंग्रेस
के जिलाध्यक्ष सत्येन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि केन्द्र के प्रायोजित योजना एवं
राशि से नीतीश कुमार विकास का डंका बजा रहे थे, परन्तु यह योजना एवं राशि भी बिहार
में भ्रष्टाचार की भेंट चढ गया है. तब लोगों का आक्रोश फूटा. इसके कोप से बचने के
लिए सुशासन बाबू विशेष राज्य का नया अलाप करने लगे. उन्होंने कहा कि पहले केन्द्र
को हिसाब दे, नियोजित शिक्षकों को समान अधिकार दें नहीं तो गाड़ी छोड़ दें.
समता
पार्टी के जिलाध्यक्ष अवधेश सिंह ने कहा सामान काम का सामान वेतन देना होगा.
अधिकार
यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मधेपुरा में हलके विरोध के बाद जिस
तरह से अब विपक्षों ने जमकर सरकार पर धावा बोला है, उससे ये तय लगता है कि आनेवाले
दिन सूबे की सरकार के लिए काफी मुश्किल से भरे दिन होंगे.
मधेपुरा में नीतीश सरकार के खिलाफ विपक्ष ने भरी हुंकार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 02, 2012
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