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मधेपुरा के कम उम्र के मजनूओं की ये खास पसंद की जगह है.स्कूल के आस-पास सुबह दस बजे से ही नाबालिग या फिर जस्टबालिग़ मजनू ‘अपनीवाली’ के दर्शन हेतु मंडराने लगते हैं.चूंकि यहाँ लड़कियों की बड़ी भीड़ होना स्वाभाविक है,इसलिए इस जगह वे अधिक ऑप्शन्स पाने की उम्मीद लगाये रखते हैं.स्कूल में छुट्टी के समय भी इनकी सक्रियता बढ़ी रहती है.चूंकि इसमें पढ़नेवाली लड़कियां नाबालिग होती हैं इसलिए इनमे आत्मविश्वास की काफी कमी होती है.इन लड़कियों में आत्मविश्वास की कमी यहाँ मजनूओं के हौसले बुलंद करने में सहायक होते हैं.इन्हें कुछ बोल देना मजनूओं के लिए अपेक्षाकृत आसान होता है.देश के आंकड़े बताते हैं कि हाल के दिनों में नाबालिगों में भी खुलापन काफी बढ़ा है,ऐसे में कुछ मजनूँ यहाँ से सफलता भी हासिल हो जाती है.इनकी सफलता से उत्साहित होकर दूसरे मजनूँ भी यहाँ अपना प्रयास जारी रखते हैं.पर क्या हो जब शबनम, नीतू, मोनी और प्रियंका जैसी लड़कियों से इनका पाला पड़ जाता है.शायद ये बड़ी वजह है कि आजकल गर्ल्स स्कूल के आसपास मंडराने वाले मजनूओं की संख्यां में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है.
यहाँ के मजनूओं के लिए सुरक्षा के तौर पर स्कूल के सामने कुछ गलियां हैं जो सामने जयपालपट्टी मुहल्ले की ओर चली जाती है. मजनूँ अक्सर इन गलियों में ही घात लगाकर सायकिल के साथ या फिर पैदल ही मार्च करने के लिए जमे रहते हैं.इन गलियों में इनके जमे रहने से ये सड़कों पर लोगों की नज़रों से बच जाते हैं और जैसे ही लड़कियों के आने-जाने का समय होता है ये यहाँ से निकल कर लड़कियों के सामने आकर अपनी हरकतों से उन्हें आकर्षित करने के प्रयास करते हैं.छुट्टी के समय कुछ मिहनती किस्म के मजनूँ तो अपनी पसंद के पीछे-पीछे उसके घर के पास तक ‘सी ऑफ’ कर आते हैं.
पर काफी हद तक एक हकीकत ये भी है कि बहुत सी लड़कियों की सड़क पर अदाएं और उनके कपड़े पहनने के तरीके भी मजनूओं को फब्तियां कसने को मजबूर कर रही है.मधेपुरा जैसे शहर में कुछ लड़कियां सड़कों पर इसी उद्येश्य से सहेलियों के साथ निकलती ही हैं कि ‘कोई न कोई चाहिए,प्यार करने वाला.’टीवी और फिल्म संस्कृति से प्रभावित होने वाली कुछ लड़कियों पर ये गाना सटीक बैठता है-
“मेरा पढ़ने में नहीं लागे दिल,
दिल पे क्या पड़ गयी मुश्किल ,
कोई ये तो बताये,
कहीं वो तो नहीं हो गया.”
(सूचना: इस रिपोर्ट में डाली गयी तस्वीर सिर्फ सांकेतिक हैं.तस्वीर में दिखाए गए पात्रों का इस रिपोर्ट से कोई लेना देना नहीं है.)
मधेपुरा के मजनूँ प्वाइंट्स(भाग-३): गर्ल्स हाई स्कूल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 02, 2012
Rating:
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मधेपुरा टाइमस को कोटि कोटि धन्यवाद शहर के सभी समस्या को बारीकी से उठाते है /
ReplyDeleteआपके समाचार पढने के बाद लगता है की आप हर समाचार के पीछे कितना मेहनत करते है /
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