आत्मदाह की मांग करने वाले छात्रों के न्याय के लिए संयुक्त छात्र संगठन (एनएसयूआई, छात्र राजद, छात्र जदयू, युवा शक्ति, एआईएसएफ, आइसा, छात्र लोजपा ) के द्वारा छात्र न्याय सत्याग्रह धरना की शुरुआत बीएन मंडल विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन के समय गांधी प्रतिमा के समक्ष शुरू किया गया.
ज्ञातव्य हो कि गत दिनों दो शोधार्थी छात्र अरमान अली और मौसम कुमारी के द्वारा राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आत्मदाह की स्वीकृति की मांग किया था, जिसके बाद सभी छात्र संगठन के प्रतिनिधि के द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन से लगातार बात कर दोनों शोध छात्रों के साथ न्याय करने की गुहार लगाया किंतु कुलपति और विश्वविद्यालय प्रशासन के कान पर ज़ू तक नहीं रेंगा. कई राउंड के वार्ता असफल रहे के बाद संयुक्त छात्र संगठन उधर दोनों शोध छात्रों के के आत्मदाह के आवेदन पर यूजीसी के चेयरमैन मामीडाला जगदीश कुमार ने जॉइंट सेक्रेटरी और मानवसंसाधन विभाग के अपर सचिव को भी को आवेदन अग्रसारित कर ज़रूरी कारवाई को लिखा है.
छात्र न्याय सत्याग्रह धरना पर बैठा छात्र नेता एनएसयूआई के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार ने कहा कि बीएन मंडल विश्वविद्यालय प्रशासन के तानाशाही रवैया से आज दो छात्र नेताओं का जिंदगी दाव पर है. कुलपति और प्रॉक्टर के कृत से आत्मदाह के लिए मजबूर छात्र अरमान अली और मौसम कुमारी के जिंदगी से विश्वविद्यालय प्रशासन से खेल रही हैं, छात्र संगठन के लगातार पहल के बावजूद भी कुलपति अकर्मण्य बने हुए हैं. अविलंब छात्रों की समस्या पर कोई विचार नहीं कर रहा है जो काफ़ी मांगा पड़ेगा. छात्र राजद के विश्विद्यालय अध्यक्ष सोनू यादव ने कहा कि वर्तमान कुलपति अंग्रेज के तरह छात्रों से व्यवहार कर रहे हैं. विश्वविद्यालय कैंपस में आंदोलन करना किस आधार पर गलत है कुलपति बताए. विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र नेताओं के साथ अपराधी के तरह व्यवहार कर रहे. कुलपति दोनों शोध छात्रों का निलंबन वापस करे और रजिस्ट्रेशन निर्गत करे नहीं तो सत्याग्रह जारी रहेगा और बिहार स्तर पर सभी संगठन आंदोलन करेगा. छात्र जदयू के विश्वविद्यालय अध्यक्ष निखिल कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान कुलपति अपने पावर का ग़लत उपयोग कर रहे हैं. दीक्षांत समारोह छात्रों का पर्व है किंतु उस दिन महामहिम राज्यपाल के समक्ष दो छात्र नेताओं का आत्मदाह करने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखना दु:खद है.
युवा शक्ति नेता सौरभ यादव ने कहा कि दीक्षांत समारोह का आयोजन कुलपति के साथ सिर्फ़ और सिर्फ़ महामहिम राज्यपाल को खुश करने के लिए और दिखावा करने के लिए किया जा रहा है, इनको छात्र हित से कोई मतलब नहीं है क्योंकि इनको अगर छात्र हित मतलब होता तो छात्र छात्र की सुधि लेते. आइसा के जिला सचिव पावेल कुमार ने कहा कि छात्रों के द्वारा आत्मदाह आवेदन के बाद दीक्षांत समारोह का महत्व ख़त्म हो चुका है. कुलपति छात्रों के भविष्य के प्रति गंभीर नहीं है. एआईएसएफ के छात्र नेता प्रभात रंजन ने कहा कि वर्तमान कुलपति छात्र हित को कुचलने और विश्वविद्यालय कैंपस से लोकतंत्र को ख़त्म करना चाहते हैं जो कि दु:खद है. अगर दोनों छात्र नेताओं को आत्मदाह से नहीं रोका गया तो रोहित बेमुला के तरह ही घटना का पुनरावृति होगी.
भीम आर्मी के बिट्टू रावण ने कहा कि कहा छात्र संगठन को नजरअंदाज करना कुलपति को मांगा पड़ेगा. अविलंब छात्रों के समस्या का समाधान करे नहीं तो आंदोलन छात्र सत्याग्रह जारी रहेगा. इस मौके पर छात्र लोजपा के जसवीर पासवान छात्रा राजद के नीतीश कुमार, महाकाल यादव, शैलेंद्र कुमार, संजीव कुमार संजीत कुमार गौरव कुमार,एनएसयूआई के अंकित कुमार झा, राहुल कुमार, छात्र जदयू के सनोज यादव, रमेश कुमार, राम आईशा के एजाज़ अख्तर, राजकिशोर कुमार युवा शक्ति के रितु रंजन आदि मौजूद थे.

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