संघ के प्रखंड अध्यक्ष मंजू देवी ने कहा कि वे लोग अपनी मांगों को लेकर 29 सितंबर से ही प्रखंड परिसर में धरना पर बैठी थी, उन्हे लगता था कि राज्य सरकार किन्हीं वरीय अधिकारियों को भेज कर उनकी सुधि लेंगे और उनकी मांगों पर विमर्श करेंगे. खास कर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से उन्हें बहुत उम्मीदें थी. सेविका सुषमा देवी ने बताया कि पोलियो, मलेरिया, फलेरिया सहित जो भी दिशा निर्देश सेविका, सहायिकाओं को मिलता है उसे तत्परता दिखाते हुए निभाती है. इसके एवज में जो मानदेय उन्हें मिलता है वह कार्य के अनुकूल नहीं है.
उपमुख्यमंत्री ने किए थे वादे
सेविका सुधा कुमारी के द्वारा बताया गया कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन द्वारा अपने घोषणा-पत्र में सरकार बनने पर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय को दुगना करने का वादा किया गया था. साथ ही डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के द्वारा लगभग अधिकांश चुनावी सभा में भी इस आशय का आश्वासन दिया गया था. 26 जुलाई 2023 को जब संयुक्त संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल निदेशक से मिलकर सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा करने की मांग की गई तो मानदेय राशि बढ़ाया जाना तो दूर अन्य जिन मांगों पर सहमति बनी थी उसे भी लागू नहीं किया गया. ऐसी स्थिति में संयुक्त संघर्ष समिति को विवश होकर हड़ताल में जाने का निर्णय लेना पड़ा लेकिन जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएगी तब तक वे लोग काम पर नहीं लौटेंगे. अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा.
प्रदर्शन में शोभा देवी, पूनम कुमारी, कंचन कुमारी, रेखा कुमारी, नीतू कुमारी, ललिता सोरेन, रिंकू कुमारी, रेणु देवी, कुमारी कंचनमाला, कुमारी अंजना भारती, मीरा देवी, पुतुल कुमारी, ब्यूटी कुमारी, रीमा कुमारी, सुनीता देवी, नीना सिंह, रंजना कुमारी , गुंजन देवी, समीक्षा कुमारी, सुलेखा कुमारी, कंचन कुमारी, रश्मि मुर्मू, मीना देवी, विभा कुमारी, नीतू कुमारी, आशा कुमारी, अनुज रानी, अरुणा देवी, कुमारी सुधा, पूनम कुमारी, नजराना खातून, यशोदा देवी, जयंती कुमारी, वीणा कुमारी, सविता कुमारी, मंजू कुमारी, रोशनी कुमारी, रेखा कुमारी, पुष्पा कुमारी, मालती कुमारी, कंचन कुमारी, रूबी कुमारी, रिंकी कुमारी, रुक्मिणी कुमारी, मीरा कुमारी समेत अन्य मौजूद थे.
मुख्य मांगे
आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए कर्मचारी ग्रेड सी और ग्रेड डी में समायोजित किया जाए. जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं हो जाता है तब तक सेविकाओं को 25 हजार एवं सहायिकाओं को 18 हजार प्रतिमाह मानदेय राशि दी जाए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में बिहार सरकार में भी ग्रेजुएटी बहुत दान करना सुनिश्चित किया जाए. आंगनबाड़ी विकास समिति द्वारा पारित वाउचर को ही मान्यता दी जाए तथा वाउचर समायोजन करने की अनिवार्यता से सेविका को मुक्त किया जाए. सेविका सहायिकाओं का कार्य अवधि 8 घंटा निर्धारित किया जाए. सेवा शर्त के अलावे अतिरिक्त कार्यों के लिए उचित पारिश्रमिक के साथ लिखित आदेश पत्र निर्गत करना सुनिश्चित किया जाए. प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना का लाभ से विकास सहायिकाओं को देना सुनिश्चित किया जाए. गोवा केरल आदि राज्यों की भांति बिहार सरकार द्वारा 8000 सेविका एवं 5500 सहायिका को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाए. सेवानिवृत्ति के पश्चात 10000 प्रतिमा पेंशन अथवा एक मुफ्त 10 लाख की आर्थिक सहायता एवं स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाए. 25000 राशि सभी सेविकाओं को उत्तम क्वालिटी के एंड्राइड मोबाइल हेतु उपलब्ध कराई जाए एवं रिचार्ज का पर्याप्त राशि सेविकाओं को अग्रिम वार्षिक भुगतान किया जाए. सेविका सहायिकाओं के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए अनिवार्य छात्रवृत्ति योजना लागू किया जाए. किराए के मकान में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के किराये की रकम में बढ़ोतरी करते हुए प्रतिमाह नियमित भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए. समान काम के लिए समान पारिश्रमिक के मान्य सिद्धांत के तहत मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेविकाओं को भी सामान मानदेय दिया जाए. फ्री स्कूल को आंगनबाड़ी से अलग नहीं किया जाए तथा वार्ड पोषक क्षेत्र में ही निर्बाध रूप से स्वतंत्र संचालित करना सुनिश्चित किया जाए. पोषाहार की राशि सभी वास्तविक लाभुकों के लिए वर्तमान बाजार भाव से उपलब्ध कराई जाए. कंटजेंसी राशि का नियमित भुगतान किया जाए. सहायिका से सेविका में पदोन्नति हेतु अतिरिक्त 10 बोनस अंक देने का प्रावधान लागू किये जाने सहित अन्य मांगे शामिल है.
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