जिसमें भारी संख्या में उपस्थित आचार्य भैया-बहनों एवं जिले के गणमान्य प्रबुद्धजनों के बीच एकल विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों के द्वारा उत्कृष्ट सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई. सर्वप्रथम दीदीयों द्वारा भारतमाता के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई एवं व्यासियों द्वारा सांस्कृतिक गायन की प्रस्तुती दी गई.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अंचल अध्यक्ष समाजसेवी दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि अपने जिले के सात संचों में कुल दो सौ एकल विद्यालयों में पांच हजार नौ सौ अठासी बच्चों को निःशुल्क शिक्षण एवं पठन-पाठन सामग्री उपलब्ध कराए जा रहे हैं. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि श्रीमान् राजेश कुमार (पुलिस अधीक्षक महोदय, मधेपुरा) ने कहा कि सुदूर देहातों में गरीब बच्चों के बीच संस्कारयुक्त शिक्षा का अलख जगाने का जो अहर्निश प्रयास एकल द्वारा किया जा रहा है, वह सराहनीय है. एकल विद्यालय के बच्चों द्वारा उत्कृष्ट सांस्कृतिक प्रस्तुती देखकर मैं गौरवान्वित भाव से उन्हें शुभकामनाएं देता हूँ.
कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता पधारे एकल अभियान के केन्द्रीय मंत्री श्रीमान् माधवेन्द्र सिंह ने कहा कि वर्तमान में अपने देश के एक लाख से अधिक गाँवों में एकल विद्यालय कार्यरत है. जहाँ गरीब बच्चों को संस्कारयुक्त पंचमुखी शिक्षा प्रदान किया जा रहा है. वर्ष 1989 में तत्कालीन बिहार के धनबाद क्षेत्र से वनवासी बच्चों के बीच शुरू किया गया यह एकल अभियान आज देश के एक लाख गाँवों तक पहुँच चुका है और आनेवाले वर्षों में भारतवर्ष का कोई भी गाँव एकल से अछूता न रहे, यह हमारा अहर्निश प्रयास होगा. भारतमाता को परम वैभव तक पहुंचाने के लिए हमें भारतवर्ष के सभी गाँवों के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों के बीच ज्ञान का अलख जगाना होगा. जिसके लिए यह एकल अभियान कृतसंकल्पित है.
अंत में थाल में आरती सजाकर गायन के अंत में भारत माता की सामूहिक आरती की गई. धन्यवाद ज्ञापन एकल के भाग प्रमुख डा0 प्रभुदयाल साह ने किया. इनके अलावे कार्यक्रम में उपस्थित अन्य विशिष्ट जनों में सत्येन्द्र कुमार सिंह (संभाग प्रमुख), कामेश्वर शर्मा (केन्द्रीय अर्थ प्रमुख), रामप्रसाद जी (प्रांतीय प्रशिक्षण प्रमुख), हरेराम यादव (कोसी भाग रथ यात्रा प्रमुख), राजीव यादव, प्रशांत कुमार (अंचल अभियान प्रमुख), रजनीश कुमार सिंह, सिकंदर साह आदि मौजूद थे.

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