शुरू नहीं हुई घाटों की सफाई

मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड क्षेत्र में श्रद्धा और लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की तिथि नजदीक आने के साथ ही पूजा की तैयारी तेज हो गयी है. छठ महापर्व को लेकर प्रखंड मुख्यालय और ग्रामीण इलाकों में नदी तटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा होती है. छठ महापर्व को लेकर विभिन्न छठ घाटों की साफ-सफाई का काम प्रशासनिक स्तर पर अभी शुरू नहीं किया जा सका है लेकिन सबसे बड़ी परेशानी छठ घाट पर व्याप्त गंदगी है. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न घाटों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इसके बावजूद श्रद्धालु कुछ जगहों पर पूजा अर्चना करने के लिए घाटों को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया गया है. 

प्रखंड मुख्यालय के खासकर राजा पोखर, रानीपोखर पर छठ महापर्व पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा होती है. इसके परमानपुर घोपा पोखर, तिलावे नदी, इटहरी सोनाय पुल, अर्राहा कालीस्थान, भान के जरुल नदी सहित दर्जनों जगहों पर छठ पर्व का विहंगम दृश्य नजर आता है. हजारों की संख्या में छठ व्रती यहां भगवान भास्कर को अर्ध्य देने पहुंचती हैं. इस बार घाट की साफ-सफाई नहीं होने से व्रतियों को परेशानी होने की संभावना दिख रही है. बेमौसम वर्षा होने से नदी ओर पोखर का जल स्तर भी बढ़ गया है. ऐसे में नदी एवं पोखर में पानी अधिक होने से किसी अनहोनी की संभावना से बचने के लिए गहरे पानी को चिन्हित करना भी जरूरी है. 

प्रशासन द्वारा अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गयी है. लोगों का कहना है कि प्रशासनिक स्तर के द्वारा घाटों की साफ-सफाई का काम शुरू नहीं किये जाने से संशय बना हुआ है. छठ महापर्व काफी नेम निष्ठा के साथ मनाना पड़ता है. पर्व के दौरान नदी में गोताखोर की निगरानी भी जरूरी है. इस बार पानी की अधिकता के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी हो सकती है. प्रशासन को पूरे घाट पर गहरे पानी का निशान लगाना पड़ेगा. छठ व्रती 09 नवंबर को खरना करेंगी.

शुरू नहीं हुई घाटों की सफाई शुरू नहीं हुई घाटों की सफाई Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 30, 2021 Rating: 5

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