'दुर्गा, काली और सती बनकर धरती का कल्याण करने वाली नारी आज हर मोड़ पर प्रताड़ित'

महिला उत्पीड़न को लेकर डीएबी पब्लिक स्कूल, जेआरसी क्लब एवं आनंद रेखा सामाजिक शिक्षण संस्थान के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया.

इस दौरान हजारों स्कूली छात्र एवं छात्राओं  के साथ-साथ शिक्षक, जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी रैली निकालकर जागरूकता फैलाई.  

रैली को डीएबी पब्लिक स्कूल के निर्देशक इंजीनियर नवीन कुमार, जिला पार्षद रेखा देवी, मुखिया अर्चना देवी, रामलाल सिंह एवं बमबम भगत ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. 

इस दौरान मध्य विद्यालय अठगामा टोला के प्रांगण में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए डीएबी स्कूल के निर्देशक इंजीनियर नवीन कुमार ने कहा कि आज लगभग 35% महिलाएं पूरे विश्व में उत्पीड़न के शिकार हो रही हैं. हमारे देश की महिलाएं भी इस उत्पीड़न के शिकार से अछूते नहीं हैं. महिलाओं को इस अभिशप्त जिंदगी से छुटकारा देने के लिए जन-जागरण की आवश्यकता है, जिससे समाज में महिलाओं को सम्मान मिल सके. आज महिलाएं घरेलू हिंसा, बाल-विवाह, दहेज के कारण प्रताड़ना, भ्रूण हत्या, आए दिन छेड़छाड़ की घटनाओं की शिकार हो रही हैं. इन सभी अभिशापों से इनके साथ हो रहे अन्याय से इन्हें मुक्त कराने के लिए आवश्यकता है इन समस्याओं के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने की,  जिससे समाज और राष्ट्र में फैले इन समस्याओं से महिलाओं को निजात मिल सके. उन्होंने कहा कि भारत की धरती वो धरती है जहाँ नारी को हमेशा पूजा जाता रहा है. कभी दुर्गा कभी काली तो कभी सती बनकर सदा नारी ने इस धरती का कल्याण किया है. परंतु आज नारी को हर मोड़ पर प्रताड़ित होना पड़ रहा है. 

उन्होंने कहा कि नारियों को पुरुष के समान अधिकार मिलना चाहिए. इसके लिए महिलाओं में शिक्षा का प्रसार के साथ-साथ नारियों को अपने अधिकार के प्रति सजग रहना होगा. 

वहीं जिला परिषद सदस्य रेखा देवी ने कहा कि महिला उत्पीड़न पर सरकार द्वारा कानून बनाया गया है परंतु जरूरी है महिलाओं को भी कि वे स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बने. और साथ-साथ महिलाओं को भी अभिव्यक्ति की आजादी मिलना अति आवश्यक है. यही नहीं उन्होंने आगे कहा कि  हमारे समाज में हो रहे भ्रूण हत्या पर भी रोक लगनी चाहिए. लोगों को बेटे और बेटियों में फर्क नहीं करने चाहिए. उन्होंने कहा कि बाल-विवाह जो खास कर छोटे जातियों में अभी भी प्रचलित है उसपर रोक लगनी चाहिए  क्योंकि बाल-विवाह महिलाओं के लिए अभिशाप है जिसे वह ताउम्र झेलने को मजबूर जा हो जाती है.  यह रैली अठगामा टोला से सोनामुखी तक  निकाली गई. छात्र एवं छात्राएं  महिला उत्पीड़न बंद करने को लेकर तरह-तरह  के स्लोगन लिखे हुए तख्ते लहराते एवं नारे लगाते हुए लोगों को जागरूक कर रहे थे. 

डीएवी स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा जगह-जगह आकर्षक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर महिलाओं  के साथ हो रहे उत्पीड़न को भी बखूबी दिखाने का काम किया एवं लोगों से महिला उत्पीड़न रोकने को लेकर भी नुक्कड़ नाटक में शामिल होने को कहा.  

रैली के दौरान शिक्षक उदय प्रकाश, अमित आनंद, ब्रजेश कुमार झा, विजया रानी, स्वर्ण प्रिया, स्वरूप कुमार ,प्रीति पाठक, मकदली मुर्मू , श्याम बिहारी, राजकुमार जायसवाल, पिंटू मंडल, प्रभाष सरकार ,अनुपम राय, साहिबालिनी ,संजय कुमार पाठक ,अमरजीत कुमार, अनामिका, सुशीला ,अजनबी, प्रेमलता ,एलिजाबेथ देशराज यादव ,हन्ना ,मोनिका सहित हजारों छात्र एवं छात्राएं, अभिभावक सहित सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे.
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
'दुर्गा, काली और सती बनकर धरती का कल्याण करने वाली नारी आज हर मोड़ पर प्रताड़ित' 'दुर्गा, काली और सती बनकर धरती का कल्याण करने वाली नारी आज हर मोड़ पर प्रताड़ित' Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 26, 2018 Rating: 5

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