जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारी भी विद्यालय
की कुव्यवस्था पर कोई ध्यान
नहीं दे पा रहे हैं. विद्यालय
के संचालक विद्यानंद राम अनुसूचित जाति के होने के नाम पर
हमेशा
दबंगई करते हैं. दबंग संचालक के खौफ में बच्चे
समेत रसोईया व वार्डेन
भी हैं.

विद्यालय में चाहे वार्डेन कोई हो पर संचालक की
इनके साथ हमेशा तनातनी चलती रहती है. और अब इनके बीच मारपीट का मामला थाने तक पहुँच चुका है. जांच में जुटे पुलिस अधिकारी ने भी माना कि दबंग संचालक ने वार्डेन
के साथ अभद्र शब्दों का प्रयोग किया
और कपड़े
फाड़ दिए. पिछली कई वार्डेन ने जहाँ दबंग संचालक के खिलाफ शिकायतें की थी
वहीँ वर्तमान वार्डेन सुधांशु अनीता को 06 माह से प्रभार नहीं दिया जा रहा
है. प्रभार मांगने पर ही संचालक ने वार्डेन के साथ मारपीट
कर दी. इस मामले को लेकर डीएम मो. सोहैल ने कहा कि विद्यालय से सभी को
हटाने का आदेश दिया गया है.
विद्यालय के चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा है और बच्चों के कमरे में लाईट और पंखे की उचित
व्यवस्था भी नहीं है. विद्यालय
में मेन्यू के आधार पर बच्चों को भोजन
नहीं मिलता है. भोजन
में रोज परोसे जाते हैं सिर्फ चावल दाल और आलू की सब्जी .रसोईया लीला देवी और
वार्डेन सुधांशु अनीता के कहने पर विद्यालय
के संचालक अनुसूचित जाति के नाम पर
करते हैं दबंगई और कभी भी हो जाते हैं मारपीट पर उतारू. संचालक के खौफ से परेशान हैं
स्कूल के बच्चे समेत रसोईया और वार्डेन. वहीँ विद्यालय
की छात्रा अंशु कुमारी,चंदा कुमारी,रसोईया लीला देवी तथा वार्डेन सुधांशु अनीता ने मधेपुरा टाइम्स को
अपना दुखड़ा सुनाया. रसोईया और वार्डेन के साथ हुई मारपीट मामले को लेकर जाँच करने पहुंचे सहायक
अवर निरीक्षक पुलिस अधिकारी धर्मेन्द्र प्रसाद ने भी माना संचालक की है दबंगई
और संचालक ने की है रसोईया और वार्डेन के साथ बदसलूकी. अधिकारी ने कहा कि संचालक ने वार्डेन के साथ अभद्र शब्दों का प्रयोग और
दुर्व्यवहार किया है. एक सवाल के जबाब में
पुलिस अधिकारी ने कहा कि
फ़िलहाल पूछताछ की जा रही है.
इस मामले में संचालक
विद्दानंद राम से पूछे जाने पर श्री राम ने गोलमटोल जबाब देते हुए बताया कि हमारे ऊपर
लगाये गए सारे आरोप बेबुनियाद है, उलटे मेरे ऊपर हीं इन लोगों ने थाना में मामला
दर्ज करवा दी है जबकि ऐसी कोई बात नहीं है. उधर इस मामले को लेकर जिलाधिकारी मो.सोहैल
ने विद्यालय से सभी को हटाने का आदेश विभाग को दिया है. जिलाधिकारी ने अपने आदेश
में कहा है कि 24 घंटे के भीतर सभी को हटा दिया जाय.
भले हीं सरकार शिक्षा
व्यवस्था पर ध्यान दे रही है और लाखों व करोड़ों खर्च भी कर रही है, लेकिन
इनके नुमाइंदे सरकार के किये-कराये पर पानी जरुर फेर रहे हैं. अब देखना दिलचस्प होगा आखिर जिलाधिकारी के आदेश का कितना असर होगा और
विद्यालय कब सुधरने के रास्ते पर चलना शुरू करेगा.
(रिपोर्ट: कुमार शंकर सुमन, जिला विशेष संवाददाता)
कस्तूरबा संचालक का वार्डेन से दुर्व्यवहार: डीएम ने दिए सभी को हटाने के आदेश
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 28, 2016
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