नीचे से निकलता सांप और ऊपर से टपकता पानी: मुरलीगंज का बी.एल. हाई स्कूल है उपेक्षा और दुर्गति का शिकार
मधेपुरा जिले के मुरलीगंज के सरकारी बी.एल. हाई स्कूल और स्कूल में बने छात्रावास की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है. सन 1944 से आज तक इस स्कूल और छात्रावास के नव निर्माण का कार्य तो दूर, मरम्मत तक नहीं हो सका है. जर्जर छात्रावास का आलम यह है कि छात्रावास से हमेशा जहरीले सांप और कई जानवर निकलते रहते हैं.
इतना हीं नहीं माँ सरस्वती के मंदिर कहे जाने वाले स्कूल के छत से भी पानी टपकता रहता है. खासकर पढाई के दौरान शिक्षक और छात्र-छात्राओं की स्थिति पानी-पानी हो जाती है. जबकि कई बार स्कूल प्रबंधन स्थानीय जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि से भी लिखित आवेदन देकर गुहार लगा चुका है. पर आज तक इस ओर अधिकारी समेत जनप्रतिनिधियों ने ध्यान देना उचित नहीं समझा है.
जर्जर स्कूल और छात्रावास में किसी तरह भगवान भरोसे काफी दहशत में रहने को मजबूर हैं सैकड़ों गरीब छात्र. इस मामले को लेकर स्कूल प्रबंधन ने कई बार पूर्व में तत्कालीन मंत्री रेणु कुशवाहा एंव वर्तमान मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव को भी इन समस्याओं से अवगत कराया है पर कुछ हो न सका.
बता दें कि जिले के प्रसिद्ध मुरलीगंज प्रखंड मुख्यालय के सरकारी बी. एल. हाई स्कूल (बलदेव लक्ष्मी हाई स्कूल) की स्थापना सन 1944 में आजादी के पहले की गयी है. जानकारी के अनुसार मधेपुरा जिले के सुदूर इलाकों में यह जिला का पहला स्कूल है जहाँ से कई छात्र बी.पी.एस.सी, यू.पी.एस.सी और इंजीनियरिंग कम्पीट कर कई शहरों में उच्चे-उच्चे पद पर कार्यरत हैं. लेकिन आज स्थिति यह है कि इस ओर किसी का ध्यान अवगत नहीं हो पा रहा है. जबकि स्कूल प्रबंधन कई बार जिला शिक्षा विभाग से लेकर स्थानीय तत्कालीन मंत्री रेणु कुशवाहा से गुहार लगाकर थक चुका है.
जर्जर स्कूल और छात्रावास के मामले को लेकर जब मधेपुरा टाइम्स ने स्थानीय राजद विधायक सह आपदा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर से खड़ा किया सवाल तो आपदा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर ने कहा कि शिक्षा मंत्री से बात कर इन समस्याओं की निदान पर विचार हर हाल में किया जाएगा. वहीँ जिलाधिकारी ने इस मामले को लेकर कहा कि जिला शिक्षा विभाग से निरिक्षण करवा कर जल्द नई योजना लागू कर छात्रावास का मरम्मत करवाया जाएगा.
अब देखना दिलचस्प होगा कि कब होता है जिले के प्रसिद्ध मुरलीगंज प्रखंड मुख्यालय का जर्जर बी.एल हाई स्कूल और छात्रावास का मरम्मत या फिर नव निर्माण. ये तो वक्त हीं बताएगा, बहरहाल मंत्री और जिलाधिकारी के आश्वासनों पर पर टिकी है शहरवासी और छात्र एंव शिक्षक की नजर.
जर्जर स्कूल और छात्रावास में किसी तरह भगवान भरोसे काफी दहशत में रहने को मजबूर हैं सैकड़ों गरीब छात्र. इस मामले को लेकर स्कूल प्रबंधन ने कई बार पूर्व में तत्कालीन मंत्री रेणु कुशवाहा एंव वर्तमान मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव को भी इन समस्याओं से अवगत कराया है पर कुछ हो न सका.
बता दें कि जिले के प्रसिद्ध मुरलीगंज प्रखंड मुख्यालय के सरकारी बी. एल. हाई स्कूल (बलदेव लक्ष्मी हाई स्कूल) की स्थापना सन 1944 में आजादी के पहले की गयी है. जानकारी के अनुसार मधेपुरा जिले के सुदूर इलाकों में यह जिला का पहला स्कूल है जहाँ से कई छात्र बी.पी.एस.सी, यू.पी.एस.सी और इंजीनियरिंग कम्पीट कर कई शहरों में उच्चे-उच्चे पद पर कार्यरत हैं. लेकिन आज स्थिति यह है कि इस ओर किसी का ध्यान अवगत नहीं हो पा रहा है. जबकि स्कूल प्रबंधन कई बार जिला शिक्षा विभाग से लेकर स्थानीय तत्कालीन मंत्री रेणु कुशवाहा से गुहार लगाकर थक चुका है.
जर्जर स्कूल और छात्रावास के मामले को लेकर जब मधेपुरा टाइम्स ने स्थानीय राजद विधायक सह आपदा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर से खड़ा किया सवाल तो आपदा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर ने कहा कि शिक्षा मंत्री से बात कर इन समस्याओं की निदान पर विचार हर हाल में किया जाएगा. वहीँ जिलाधिकारी ने इस मामले को लेकर कहा कि जिला शिक्षा विभाग से निरिक्षण करवा कर जल्द नई योजना लागू कर छात्रावास का मरम्मत करवाया जाएगा.
अब देखना दिलचस्प होगा कि कब होता है जिले के प्रसिद्ध मुरलीगंज प्रखंड मुख्यालय का जर्जर बी.एल हाई स्कूल और छात्रावास का मरम्मत या फिर नव निर्माण. ये तो वक्त हीं बताएगा, बहरहाल मंत्री और जिलाधिकारी के आश्वासनों पर पर टिकी है शहरवासी और छात्र एंव शिक्षक की नजर.
नीचे से निकलता सांप और ऊपर से टपकता पानी: मुरलीगंज का बी.एल. हाई स्कूल है उपेक्षा और दुर्गति का शिकार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 18, 2016
Rating:
No comments: