कुलपति पर एफआईआर: फुलेश्वर मल्लिक की विधवा ने लगाया आरोप, भूख और इलाज के अभाव में हुई पति की मौत, मधेपुरा पुलिस ने कहा, क़ानून सबके लिए बराबर
भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में संविदा पर कार्यरत सफाई कर्मचारी फुलेश्वर मल्लिक की मौत पर विवाद गहराने लगा है.
एक तरफ जहाँ फुलेश्वर मल्लिक की मौत से पिछले 16 दिनों से धरना पर बैठे अन्य कर्मचारी सकते में हैं और उधर आमरण अनशन पर बैठे संयुक्त छात्र संगठन ने इस हटना के बाद अपना आन्दोलन और तेज करने की बात कही है, वहीं मृतक फुलेश्वर मल्लिक की विधवा ने दावा किया है कि उनके पति की मौत भूख और इलाज के अभाव में हुई है.
फुलेश्वर मल्लिक की विधवा लीला देवी ने मधेपुरा थानाध्यक्ष ने नाम लिखे आवेदन में कहा है कि उनके पति बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय की स्थापना काल से ही संविदा के आधार पर सफाई कर्मी के रूप में कार्यरत थे और नियमित रूप से मासिक पारिश्रमिक पा रहे थे. विश्वविद्यालय में उनके पति समेत अन्य संविदाकर्मी के साथ कुलपति ने सामंजन के लिए बार-बार झूठे वाडे किये और एकरारनामा के बाद भी आउटसोर्सिंग के लिए प्रक्रिया को आगे बढ़ा देने पर मेरे पति समेत एनी कर्मचारी अपने सुरक्षित भविष्य के लिए विगत पांच सितम्बर से धरना पर बैठ गए थे जिसके कारण अगस्त और सितम्बर का वेतन भी उनको नहीं मिला था. घर में राशन-पानी का अभाव हो गया था और वे दवाइयां भी नहीं ले पा रहे थे. भूख और इलाज के अभाव में उनकी मृत्यु हो गई.
फुलेश्वर मल्लिक की विधवा लीला देवी ने पति की मौत का जिम्मेवार कुलपति डॉ. विनोद कुमार, प्रति कुलपति डॉ. जे० पी० एन० झा, कुलसचिव डॉ० कुमारेश प्रसाद सिंह तथा अन्य पदाधिकारियों को माना है और प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही की मांग की थी.
मधेपुरा थाना ने कुलपति समेत अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है और अनुसंधान जारी कर दिया गया है. मधेपुरा थानाध्यक्ष मनीष कुमार कहते हैं कानून सबके लिए बराबर है चाहे वो कितना भी बड़ा आदमी क्यों न हो.
माना जाता है कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों की लापरवाही, फुलेश्वर मल्लिक की मौत और छात्र संगठनों के आन्दोलन के कारण कुलपति की परेशानी बढ़ गई है और आने वाले दिनों में मधेपुरा के भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय की और भी फजीहत होना बाकी है.
एक तरफ जहाँ फुलेश्वर मल्लिक की मौत से पिछले 16 दिनों से धरना पर बैठे अन्य कर्मचारी सकते में हैं और उधर आमरण अनशन पर बैठे संयुक्त छात्र संगठन ने इस हटना के बाद अपना आन्दोलन और तेज करने की बात कही है, वहीं मृतक फुलेश्वर मल्लिक की विधवा ने दावा किया है कि उनके पति की मौत भूख और इलाज के अभाव में हुई है.
फुलेश्वर मल्लिक की विधवा लीला देवी ने मधेपुरा थानाध्यक्ष ने नाम लिखे आवेदन में कहा है कि उनके पति बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय की स्थापना काल से ही संविदा के आधार पर सफाई कर्मी के रूप में कार्यरत थे और नियमित रूप से मासिक पारिश्रमिक पा रहे थे. विश्वविद्यालय में उनके पति समेत अन्य संविदाकर्मी के साथ कुलपति ने सामंजन के लिए बार-बार झूठे वाडे किये और एकरारनामा के बाद भी आउटसोर्सिंग के लिए प्रक्रिया को आगे बढ़ा देने पर मेरे पति समेत एनी कर्मचारी अपने सुरक्षित भविष्य के लिए विगत पांच सितम्बर से धरना पर बैठ गए थे जिसके कारण अगस्त और सितम्बर का वेतन भी उनको नहीं मिला था. घर में राशन-पानी का अभाव हो गया था और वे दवाइयां भी नहीं ले पा रहे थे. भूख और इलाज के अभाव में उनकी मृत्यु हो गई.
फुलेश्वर मल्लिक की विधवा लीला देवी ने पति की मौत का जिम्मेवार कुलपति डॉ. विनोद कुमार, प्रति कुलपति डॉ. जे० पी० एन० झा, कुलसचिव डॉ० कुमारेश प्रसाद सिंह तथा अन्य पदाधिकारियों को माना है और प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही की मांग की थी.
मधेपुरा थाना ने कुलपति समेत अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है और अनुसंधान जारी कर दिया गया है. मधेपुरा थानाध्यक्ष मनीष कुमार कहते हैं कानून सबके लिए बराबर है चाहे वो कितना भी बड़ा आदमी क्यों न हो.
माना जाता है कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों की लापरवाही, फुलेश्वर मल्लिक की मौत और छात्र संगठनों के आन्दोलन के कारण कुलपति की परेशानी बढ़ गई है और आने वाले दिनों में मधेपुरा के भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय की और भी फजीहत होना बाकी है.
कुलपति पर एफआईआर: फुलेश्वर मल्लिक की विधवा ने लगाया आरोप, भूख और इलाज के अभाव में हुई पति की मौत, मधेपुरा पुलिस ने कहा, क़ानून सबके लिए बराबर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 23, 2016
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