
अनपढ मां-बाप के बेटे सुजीत ने आईआईटी
में सफलता पाकर गुदरी के लाल होने के कहावत को चरितार्थ कर दिया है. सुजित्त के
पिता जिले के पुरैनी प्रखंड मुख्यालय निवासी मजदूर प्रमोद मेहता ट्रकों पर बोरा लादकर
अपने परिवार का पोषण करते हैं और माँ खेतों में मजदूरी करती है और दोनों किसी तरह परिवार
के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करते हैं. पर बचपन से ही अद्भुत प्रतिभा के धनी
सुजीत की सफलता की राहों में आर्थिक तंगी कोई बाधा नहीं बनी और सुजीत इस बार
आईआईटी में देश भर में ओबीसी में 1329 रैंक लाकर पूरे जिले को गौरवान्वित कर गया.

जानें सुजीत की पारिवारिक
पृष्ठभूमि: जानकारी देते चलें कि सुजीत के पिता प्रमोद मेहता पुरैनी बाजार में ही कुली का
काम करते हैं वहीं मां मीरा देवी भी गाँव के जमींदारों के खेतों में मजदूरी किया करती
है. हर कोई सुजीत के पिता को कह रहे हैं की तोहर......बेटा त गुदरी के लाल निकल
गैलो.
दो भाई और दो बहनों में एक भाई और
एक बहन से छोटा है सुजीत. पढाई लिखाई गांव के ही एक प्राईवेट कोचिंग एपेक्स कोचिंग
सेन्टर से प्रारम्भ हुई फिर प्रखंड अन्तर्गत श्री वासुदेव +2 उच्च विधालय नयाटोला से
हुई जहाँ मैट्रिक में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने के उपरान्त सुपर 30 की तैयारी में जुट गया और
अन्ततः सुपर 30 में चयनित हुआ और फिर यहाँ से अपने दूसरे प्रयास में ही देश भर में 1329 रैंक हासिल किया है.
सुजीत अब आईआईटी खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल में बीटेक करना चाहता है. वहीं सुजीत की मां
मीरा देवी नें बताया कि वो हमेशा अपने दोनों बेटों को यह कहती थी कि देखो हमलोग अनपढ है तभी तो मजदूरी कर रहे हैं. तुमलोग
खूब पढो लिखो तभी तो बड़े आदमी बनोगे और समाज में तभी तुम्हें सभी सम्मान की नजरों से
देखेंगे. नतीजतन इस मां बाप के दोनों लाल नें भी कोई कसर नहीं बाकि छोड़ा सुजीत का बड़ा
भाई अजीत भी टेक्नों इंडिया कोलकाता से बीटेक कर टीसीएस कंपनी में इंजीनियर है वहीं
बहन अंजनी इन्टर कर चुकी है और छोटी बहन सोनी ने भी इस बार मैट्रिक का परीक्षा दिया
है.
कुली पिता और मजदूर माँ के बेटे ने आईआईटी में मारी बाजी: सुपर 30 बना सहारा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 19, 2015
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