|संवाददाता|30 मई 2013|
हिन्दी पत्रकारिता से देशभक्ति की सुगंध आती है. आज
इंटरनेट के प्रसार के युग में हिन्दी पत्रकारिता का चेहरा और भी चमक चुका है.
हिन्दी हमारी मातृभाषा है और वास्तविक सामजिक सरोकार निभाने में हिन्दी का कोई
सानी नहीं. मधेपुरा टाइम्स के कार्यालय में आज हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित
एक विशेष परिचर्चा में मधेपुरा आए दिल्ली के हिन्दुस्तान टाइम्स मीडिया के पूर्व
संपादक अरूण कुमार ने उक्त बातें कही. उन्होंने हिन्दी पत्रकारिता के बारे में अहम जानकारी
देते हुए बताया की 30 मई 1826 को कलकत्ता से ‘उदंत मार्तंड’ देश का पहला हिन्दी समाचार पत्र निकला था जिसका संपादन
पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने किया था. उसी दिन को याद करते हुए हम 30 मई को हिन्दी
पत्रकारिता दिवस मनाते हैं.
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अरूण कुमार |
मधेपुरा टाइम्स की प्रबंध संपादिका रिंकू सिंह ने कहा कि हिन्दी के न्यूज पोर्टलों के कारण अब विदेश में भी रह रहे
भारतीयों को अपनी मिट्टी की खुशबू आती है. उन्होंने मधेपुरा टाइम्स को इसका एक उदहारण
बताते हुए कहा कि महज तीन साल में दुनियां के सौ से अधिक देशों में इसे पढ़े जाने
का सबसे महत्वपूर्ण कारण इसका हिन्दी में होना है.
कई मीडिया के लिए काम कर चुके
वर्तमान में सहारा समय के जर्नलिस्ट रूद्र नारायण यादव ने कहा कि हिन्दी
पत्रकारिता अब संघर्ष के दौर में बिलकुल नहीं है, यह स्थापित हो चुकी है. निरंतर
हो रहे बदलाव से ये दिनोदिन सशक्त बनती जा रही है और अभी भी इसका कोई जोर नहीं है.
मौके पर उपस्थित इण्डिया न्यूज
के शंकर सुमन ने कहा कि जिसे अपनी मातृभाषा से प्यार नहीं है उसे अपनी माँ से भी
लगाव नहीं हो सकता.
इस अवसर पर एनडीटीवी के पंकज भारतीय
ने कहा कि हिन्दी एक समृद्ध भाषा है और इसकी पत्रकारिता से ही देश और समाज की सेवा
की जा सकती है.
हिन्दी पत्रकारिता पर आयोजित परिचर्चा में कशिश न्यूज के राजीव रंजन,
राष्ट्रीय सहारा के रमेश कुमार रमण, धीरेन्द्र निराला, रिपु कुमारी आदि ने भी अपने
विचार रखे.
हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर टाइम्स कार्यालय में परिचर्चा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 30, 2013
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