राकेश सिंह/05अप्रैल 2011
घबराइये नहीं,हम किसी पर लांछन नही लगा रहे हैं.हम बात कर रहे हैं मधेपुरा जिले से सम्बंधित 2011 की जनगणना की, जिसके अनुसार जिले की कुल जनसंख्यां 19,94,618 हो गयी है जिसमें पुरुषों की संख्या 10,42,369 है और महिलाओं की संख्या मात्र 9,52,245 ही है, वहीं जिले में चार लोग ऐसे भी गिने गए हैं जो न स्त्री हैं और न पुरुष. पिछले दस वर्षो में मधेपुरा जिले में लोगों की संख्या में 4,67, 972 की वृद्धि हुई है. जिले में महिला सशक्तिकरण को भी भारी धक्का लगा है.पहले जहां प्रति हजार 915 महिलाएं थी अब 913 हो गयी है यानि लोग सिद्दांत की बात जो करे आज भी अधिकाँश लोगों को बेटा ही चाहिए.भ्रूण हत्या का प्रचालन पढ़े-लिखे में भी विद्यमान है. जिले में साक्षरता की दर में मात्र 7% की वृद्धि हुई है. वर्ष 2001 में यहां 36% साक्षरता थी जो 2011 में बढ़कर 43 % हुई है. पुरुषों की साक्षरता दर पिछले दस वर्षो में 48.80 % से बढ़कर 51 % हुई है. यानी 2.2 प्रतिशत की बढोतरी वहीं महिलाओं की साक्षरता दर में 13% की वृद्धि इस बात का गवाह है कि सुशासन में महिलाओं को आगे बढाने का प्रयास सफल रहा. वर्ष 2001 में जिले में लगभग 21% महिलाएं साक्षर थी जो अब बढ़कर 34 % हो गयी है. आंकड़े बताते हैं कि 2011 में 8,58,886 लोग साक्षर हैं जिसमें पुरुष साक्षर 5,33,341 और महिलाएं साक्षर 3,25,544 हैं.वहीं अगर जिले में जनसंख्यां घनत्व की बात की जाय तो इस जनगणना में यह 1115.55 प्रति वर्ग किलोमीटर हो गयी है.
जो भी हो,जिले में साक्षरता दर में वृद्धि एक शुभ संकेत है कि लोगों ने पढाई पर ज्यादा ध्यान दिया है.पर यहाँ आवश्यकता है पढाई के मापदंडों में सुधार की ताकि एक सुन्दर और बेहतर समाज का निर्माण हो सके.
मधेपुरा में रहते हैं चार हिजड़े: जनगणना रिपोर्ट
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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April 05, 2011
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April 05, 2011
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हम तो घबरा गए की इस मधेपुरा में हिजरा भी रहता है आज तक तो दिल्ली जाते वक्त ट्रेन में इनको देखा है....मधेपुरा में मै आज तक नहीं देखा.....यह तो सच है की हमारा समाज आज तक स्त्री और पुरुष में भेद भाव रखता है जब की कल्पना चावला जैसे स्त्री ने इस देश का नाम रोशन किया है.
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