क्या लग सकेगी निजी स्कूलों की लूट पर लगाम ?(भाग-१)

राकेश सिंह/२९ सितम्बर २०११
और अंत में वही हुआ जो बहुत ही पहले हो जाना चाहिए था.राज्य सरकार ने राईट टू एजुकेशन एक्ट(आरटीई) के तहत प्राइवेट स्कूलों को भी अपने दायरे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी.निजी स्कूलों के संगठनों ने इसके विरोध में कल स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया है.और सरकार ने भी शिक्षा के नाम पर निजी स्कूलों की मनमानी को सख्ती से खत्म करने का निर्णय ले लिया है.चूंकि पूरे राज्य में करीब २५००० कौन्वेंट्स में से अधिकाँश ने जो लूट मचा रखी है उससे कमोबेश ६० लाख छात्र प्रभावित हो रहे हैं. नियम के तहत सभी कौन्वेंट्स को अब राज्य सरकार के अधीन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा.पहले तो सरकार ने रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख ३० सितम्बर ही तय की थी और इसके बाद जिन स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन नही कराया होता उसमे ताले लटका दिए जा सकते थे. पर अब इसकी अंतिम तिथि १२ नवंबर कर दी गयी है तो अब स्कूलों को सोचने का मौका फिर से मिलता हुआ नजर आने लगा है.

    दरअसल रजिस्ट्रेशन के बाद की प्रक्रिया इन स्कूलों को मनमानी करने में बाधा पहुँचाने वाली है.आरटीई की धारा-१८ के अनुसार प्राइवेट स्कूलों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा और प्रत्येक स्कूल को एक कमिटी बनानी होगी,जिसमे तीन चौथाई सदस्य बाहरी होंगे.मतलब साफ़ है कि इन स्कूलों के मालिक या प्रिंसिपल जो अब तक सभी मुद्दों पर मनमानी किया करते थे,इस नियम के लागू हो जाने पर बाहरी लोगों की दखलंदाज़ी के कारण शायद ही ऐसा कर पाए.कमिटी में शामिल बाहरी लोगों द्वारा स्कूलों का निरीक्षण किया जायेगा. मेरे विचार में तो अब लूट के कई हिस्से लग सकते हैं.बाहरी नियंत्रक भी बिना कुछ खाए-पीये शायद ही सबकुछ सही मानें.डाउनबास्को स्कूल मधेपुरा की प्रिंसिपल चन्द्रिका यादव कहती हैं कि बाहरी सदस्यों के चलते कामकाज प्रभावित होगा और इसका असर सीधा पढ़ाई पर पड़ सकता है.नियम के अनुसार सभी प्राइवेट स्कूलों को प्लेग्राउंड होना चाहिए और एक से दो एकड़ जमीन भी होनी चाहिए.अगर ऐसा हुआ तो छोटे-छोटे कौन्वेंट्स इस नियम की भेंट चढ़ जायेंगे.हालांकि रजिस्ट्रेशन के मुद्दे पर कमोबेश मधेपुरा के सभी बड़े कौन्वेंट्स कई राय है कि ये होना चाहिए,पर बाक़ी बहुत से मुद्दों पर ये असहमत हैं. (क्रमश:)
क्या लग सकेगी निजी स्कूलों की लूट पर लगाम ?(भाग-१) क्या लग सकेगी निजी स्कूलों की लूट पर लगाम ?(भाग-१) Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 29, 2011 Rating: 5

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