गत दिनों संयुक्त छात्र संगठन ( एनएसयूआई, छात्र राजद, छात्र जदयू, छात्र लोजपा रामबिलास,आइसा युवा शक्ति एआईएसएफ, भीम आर्मी) ने बैठक कर विश्वविद्यालय के क्रियाकलाप पर नाराजगी व्यक्त करते हुए विभिन्न चरण में आंदोलन करने का निर्णय लिया था, जिसके बाद सोमवार को छात्र विकास खोज अभियान के तहत विश्वविद्यालय के प्रशासनिक परिसर में छात्र हितों की सुविधा का तलाश किया था, जिसमें छात्र हितों की मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव दिखा. आज दूसरे दिन संयुक्त छात्र संगठन ने एक दिवसीय धरना का आयोजन कर मांग पत्र कुलसचिव कों सौंपा और एक सप्ताह का समय देते हुए कहा कि अगर मांग पूरी नहीं हुई तो अगले चरण का आंदोलन शुरु होगा. छात्र संगठन ने कुल सचिव को सौंपे बीस सूत्री मांग पत्र में कहा है कि
1. बीएनएमयू मुख्यालय एवं अन्य कॉलेजों में बिहार विश्वविद्यालय एक्ट के तहत अक्षरशः पालन कर पदाधिकारी की हो नियुक्ति।
2. विश्वविद्यालय मुख्यालय एवं कई कॉलेजों में एक ही शिक्षक को चार-पांच पद दे दिया गया जिससे छात्र हितों की कार्य प्रभावित हो रहा है इसलिए एक शिक्षक एक पद का नियम पालन हो।
3. पूर्व से विजलेंस जांच या अन्य जांच के आरोपी शिक्षक को जांच पूरा होने तक विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण पदों से हटाया जाए।
4. छठे दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों को त्रुटि पूर्ण प्रमाण पत्र महामहिम कुलाधिपति के हाथों से निर्गत करवाना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है, इसलिए बड़े पैमाने पर मूल प्रमाण पत्र में गड़बड़ी करने वाले पदाधिकारी एवं संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई हो और दीक्षांत समारोह में की गई खर्च सार्वजनिक हो।
5. विश्वविद्यालय मुख्यालय स्थित पीजी डिपार्मेंट एवं अंगीभूत कॉलेजों में संबंधित विषय के शिक्षक रहते हुए भी उस विषय के पीजी जैसे महत्वपूर्ण डिपार्मेंट में ताला लटका है या दूसरे विषय के शिक्षक को प्रभार दिया गया है जिससे छात्रों का भविष्य अंधकार में है ऐसे विषय में विभागाध्यक्ष की नियुक्ति अविलंब की जाए।
6. विश्वविद्यालय मुख्यालय स्थित प्रशासनिक परिसर और नॉर्थ कैंपस में छात्रों की मूलभूत सुविधा पानी, बिजली, शौचालय, सुरक्षा, गर्ल्स कॉमन रूम, कैंटीन, मेडिकल उपचार केंद्र का इंतजाम अभिलंब हो।
7. विश्वविद्यालय मुख्यालय एवं अंगीभूत महाविद्यालय में पूर्व से बने गर्ल्स हॉस्टल चालू हो एवं पांच सौ छात्रों का बॉयज हॉस्टल सभी कॉलेज समेत विश्वविद्यालय मुख्यालय में बने।
8. बीएनएमयू में पूर्व से मांग की जा रही पत्रकारिता, नाट्यशास्त्र, लोक कला, चित्रकला, बुद्धिस्ट विषय की पढ़ाई शुरू हो और गांधी विचार, आंबेडकर विचार, फणीश्वर नाथ रेणु, संत लक्ष्मी नाथ गोसाई, विद्यापति, संत कारू, रामधारी सिंह दिनकर, शोध पीठ की स्थापना हो।
9. बीएन मंडल विश्वविद्यालय में वोकेशनल सेल या संकाय बने वोकेशनल में नामांकन विश्वविद्यालय स्तर पर UIMS से हो और वोकेशनल में एआईसीटीइ के नए मापदंड सिलेबस सहित लागू हो, वोकेशनल कोर्स में ग्रेजुएशन की पढ़ाई होने वाले सभी जगह पर मास्टर्स की पढ़ाई हो शुरू हो।
10. विश्वविद्यालय में मूल प्रमाण पत्र समेत अन्य प्रमाण पत्र निर्गत करने की समय सीमा तय हो एवं आरटीपीएस काउंटर का निर्माण हो।
11. विश्वविद्यालय मुख्यालय समेत अन्य अंगीभूत कॉलेजों में होने वाले बीएड, एमएड और वोकेशनल कोर्स को सरकारी बजट में अधिग्रहण की जाए।
12. विश्वविद्यालय के नॉर्थ केंपस में बने केंद्रीय पुस्तकालय में कम से कम 500 छात्रों की स्वाध्याय के लिए समुचित व्यवस्था हो।
13. प्रशासनिक परिसर स्थित पुरानी केंद्रीय पुस्तकालय की नॉर्थ कैंपस स्थानांतरण के बाद खाली पड़ी बिल्डिंग में गर्ल्स कॉमन रूम और छात्र संगठन की बैठक, सेमिनार आदि संबंधित कार्यों के लिए मुहैया किया जाए।
14. प्रशासनिक परिसर स्थित जिमखाना को पुन: चालू किया जाए एवं अत्याधुनिक मशीन उपलब्ध करवाया जाए।
15. विश्वविद्यालय प्रशासन एवं छात्र संगठनों के बीच नियमित रूप से छात्र समस्याओं को लेकर विद्यार्थी पंचायत का आयोजन हो।
16. विश्वविद्यालय वार्षिक एकेडमिक, स्पोर्ट्स और कल्चर कैलेंडर लागू करें।
17. विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट डेवलप करें।
18. ग्रेजुएशन की पढ़ाई करवाने वाले सभी अंगीभूत कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई हो और सहरसा के रमेश झा महिला कॉलेज और मनोहर लाल टेकरीवाल कॉलेज सहरसा, पार्वती साइंस कॉलेज मधेपुरा में कॉमर्स, संगीत की पढ़ाई और यूजी और पीजी में हो सर्व नारायण सिंह कॉलेज सहरसा से साइंस विषय में पीजी की पढ़ाई हो।
19. पीजी प्रथम सेमेस्टर सत्र 24-26 का स्पेशल परिक्षा परिक्षा आयोजित हो |
20. UMIS से कॉलेज में स्नातक और स्नातकोत्तर में नामांकन मे कॉलेज स्तर से प्रॉस्पेक्टस बन्द हो.
धरना पर बैठे छात्र नेताओं ने कहा कि विश्विद्यालय में छात्र सुविधाओं के नाम पर सिर्फ और सिर्फ लूट हो रहा है. पानी, शौचालय, कैंटीन, मेडिकल, गर्ल्स कॉमन रूम समेत सभी मूल भूत सुविधा का घोर अभाव है. कुलपति छात्र संगठनो से किसी तरह के संवाद नही करते हैं. आम छात्र को कुलपति से मिलने पर पूर्णत:पाबंदी लगा है जो कि विश्वविद्यालय में अघोषित आपातकाल लागू है और कुलपति डॉ प्रो बीएस झा अपने पैर से बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम को कुचलते रहे हैं. नियम अधिनियम को हाथ में रख कर कुलपति पक्षपात पूर्ण करवाई कर रहे हैं जो कि घोर अन्याय है .
धरना कार्यक्रम में मुख्य रूप से एनएसयूआई के पुर्व राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार, छात्र राजद के विश्वविद्यालय अध्यक्ष सोनू यादव, रमेश राम, प्रेम कुमार, छात्र जदयू अध्यक्ष निखिल सिंह यादव, आइसा के विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरमान अली, एजाज़ अख़्तर, युवा शक्ति के सौरव यादव, निरंजन सरकर, ऋतु राज़, छात्र लोजपा रामविलाश के जसवीर पासवान, एएआईएसएफ प्रभात रंजन छात्र राजद के नीतीश कुमार,शैलेन्द्र कुमार, मधुसूदन यादव, ग़ौरव कुमार, प्रशांत नितीश आदि उपस्थित थे.

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