बताया गया कि बीएनएमयू गेट के पास बने स्टूडेंट्स काउंटर के पास गया तो वहां तीन में से दो काउंटर बंद था और एक काउंटर में लड़का लड़की दोनों चालान काटा रहे थे. काउंटर के पास ना पीने की पानी और ना ही शौचालय सेवा था. फ़िर छात्र नेता गेट के पास पुलिस चौकी पर गए जहां एक भी सुरक्षा बल नहीं दिखा. वहां एक वाटर कूलर ख़राब स्थिति में दिखा. जहां पीने की पानी का नल ही टूटा था. छात्र नेताओं ने सवाल उठाया कि विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं का सुरक्षा भगवान भरोसे चल रहा है. सुरक्षा बल कहाँ तैनात है. छात्र नेताओं ने कृति वाटिका और गेस्ट हाउस के गेट के पास बने शौचालय का निरीक्षण किया टो कृति वाटिका में मादक पदार्थ जैसे भांग, गाजा के पेड़ का जंगल बना हुआ है. वहीं शौचालय पूर्ण रूप से टूटा फूटा और बंद पड़ा है. गंदगी भी बिखरा हुआ है.
वहीं छात्रों नेताओं ने सिंडिकेट हॉल और पुरानी केंद्रीय पुस्तकालय के बगल में बने यूरिनल्स का निरीक्षण किया जिस यूरिनल्स में कोडीन युक्त सिरप कोरेक्स और भारी मात्रा में खाली शराब की बोतलें और प्लास्टिक का ग्लास मिला जिस पर छात्र नेताओं ने साफ तौर पर कहा कि विश्वविद्यालय में शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है और शराब और नशे का कारोबार विश्वविद्यालय में आखिर कैसे चल रहा है. वहीं विश्वविद्यालय मुख्यालय में लगे हाई मास्ट लाइट भी बरसों से बंद पड़ा है. जिस कारण शाम होते ही विश्वविद्यालय अंधकार में डूब जाता है. जबकि कुलपति, कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक समेत विश्वविद्यालय के कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी का आवास विश्वविद्यालय मुख्यालय के अंदर ही है.
छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय परिसर में बने जिमखाना और बैठक शेड का निरीक्षण किया. जहां बैठक शेड पूर्णतः टूटा फूटा और जिम खाना में वर्षों से ताला लटका है. वहीं जिमखाना से बहुत सारा मशीन गायब भी है. और जो बचा है उस मशीन में जंग लगा है. जबकि कैंपस में काफी मात्रा में जगह-जगह यत्र तत्र ना थूके के लगे बोर्ड के नीचे ही पान गुटखा का पिक और गंदगी भरा पड़ा है. परीक्षा विभाग में जब छात्र विकास खोज अभियान पहुंचा तो सबसे बदहाल स्थिति परीक्षा विभाग का बना हुआ है. पीने का पानी के लिए लगा दो वाटर कूलर पूर्णतः खराब पड़ा हुआ है. वहीं शौचालय में गंदगी का अंबार लगा है. शौचालय की सीट के अंदर दर्जनों मादक पदार्थ और पानी का खाली बोतल भरा पड़ा था. वहीं परीक्षा विभाग के बरामदे पर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे छात्रों का टीआर मार्कशीट समेत अन्य कई महत्वपूर्ण पेपर रद्दी की टोकरी में पड़ा हुआ था. छात्र नेताओं ने कहा कि महत्वपूर्ण दस्तावेजों दीमक और चूहा खा रहा है और परीक्षा विभाग में मूल शाखा से बाहर निकलते परीक्षा नियंत्रक ने जब छात्र संगठनों का विकास खोज अभियान चलते देखा तो पीछे के दरवाजे से निकल लिए.
वहीं छात्र संगठनों ने परीक्षा विभाग की बतइंदजमी के लिए कुलपति डॉ प्रो बीएस झा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि एक अयोग्य परिक्षा नियंत्रक को संरक्षण देकर कुलपति विश्वविद्यालय को गर्त मे धकेल दिया है. छात्र संगठनों ने कहा कि विश्वविद्यालय के दोनों परिसर भगवान भरोसे चल रहा है. विश्वविद्यालय सिर्फ लूट खसोट का अड्डा बना हुआ है. ताज़्जुब की बात तो तब हुई जब संयुक्त छात्र संगठनों का छात्र विकास खोज अभियान जन प्रशासनिक भवन में पहुंचा तो वहां मौजूद सभी पदाधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए अपने कार्यालय निकल गए. वहीं कुछ पदाधिकारी कार्यालय में पहले से गायब थे. जबकि प्रशासनिक भवन में भी साफ सफ़ाई नहीं के बराबर है. जबकि पीने का पानी के लिए लगा वाटर कूलर भी खराब था और नल के नीचे से बेसिन गायब था. जबकि परिसंपदा पदाधिकारी के कार्यालय के सामने गुटखा एवं पान के पीकों से दीवाल भरा था जबकि कुलसचिव, प्रोक्टर सीसीडीसी, कॉलेज इंस्पेक्टर कार्यालय भी ख़ाली था. छात्र संगठनों ने कुल सचिव कार्यालय के वॉशरूम का निरीक्षण किया तो कुलसचिव कार्यालय के वॉशरूम अत्याधुनिक सुविधा से लैस इंग्लिश एवं भारतीय शौचालय सीट एक ही बाथरूम में मौजूद था एवं साफ सफाई भी उच्च स्तरीय जिसको देखकर छात्र नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्र सुविधाओं के नाम पर जहां कचरा का अंबार है वहीं पदाधिकारी के लिए फाइव स्टार व्यवस्था. यह विश्वविद्यालय की सरासर दोयम दर्जा की सोच को दर्शाता है.
छात्र संगठन को देखकर छात्र कल्याण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह अपने कार्यालय से निकलने लगे. इसके बाद छात्र संगठनों ने पीछा करते हुए उनसे पूछा कि विश्वविद्यालय मुख्यालय में छात्रों की मूलभूत सुविधा कहां है तो छात्र कल्याण पदाधिकारी ने कहा की सभी मामले पर प्रक्रिया अधीन है. इसके बाद छात्र नेताओं ने कहा कि वर्तमान कुलपति के आए हुए एक वर्ष से भी ज्यादा हुआ है लेकिन वर्तमान कुलपति के आने के बाद एक तरफ जहां तानाशाही हिटलर शाही तुगलकी फरमान छात्रों का शोषण चरम पर है. वही छात्रों की मूलभूत सुविधा के नाम पर सिर्फ और सिर्फ ठगी और लूट हो रहा है. वर्तमान कुलपति विश्वविद्यालय में आतंक और अत्याचार के दम पर भय और भ्रष्टाचार का माहौल बनाए हुए है. बीएन मंडल विश्वविद्यालय में छात्रों के लिए जो सुविधा है इससे कहीं बेहतर किसी पागलखाने और जेल में कैदियों को सुविधा मिलती है. 11 अरब के बजट वाले विश्विद्यालय में पढ़ाई तो दूर की बात है छात्रों की पीने की पानी शौचालय साफ सफाई जगह बैठने के लिए कुर्सी छात्राओं के लिए कॉमन रूम तक का इंतजाम नहीं है. वहीं नेक के नाम पर वर्षों करोड़ों लूटने वाले विश्विद्यालय में कैंटीन एवं प्राथमिक उपचार की कोई व्यवस्था नहीं है. छात्र नेताओं ने कहा कि अब जोरदार आंदोलन की शुरुआत हो चुकी है.
छात्र विकास खोज अभियान में मुख्य रूप से एनएसयूआई के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार, छात्र राजद के विश्वविद्यालय अध्यक्ष सोनू यादव, आइसा के विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरमान अली, छात्र लोजपा रामबिलास के विश्वविद्याल अध्यक्ष जसवीर पासवान, युवा शक्ति के निरंजन सरकार, छात्र राजद के नीतीश कुमार, शैलेन्द्र यादव, ग़ौरव कुमार, प्रशांत कुमार, नीतीश कुमार, आइसा के एजाज़ अख़्तर, आशीष राज़, संतोष शियोटा, चंदन कुमार आदि मौजूद थे.

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