इंजीनियर प्रणव प्रकाश की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में दर्जनों की संख्या में लोगों ने राजद की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर इंजीनियर प्रणव प्रकाश ने कहा कि राजद दलित पिछड़ा अकलियत एवं दबे कुचले की आवाज है। तत्पश्चात सभी ने पूरे जोर शोर से ज्यादा से ज्यादा लोगों को संगठन से जोड़ने एवं गरीबों के मसीहा, बिहार प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सह राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के विचारों को जन जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। इसके पश्चात सदस्यता अभियान की शुरुआत भी की गई।
वहीं मुख्य अतिथि मधेपुरा के राजद सांसद प्रत्याशी सह अररिया राजद जिला प्रभारी प्रोफेसर चंद्रदीप कुमार, जिला चिकित्सा प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ प्रमोद कुमार राजद के मुख्य अतिथि थे। बैठक में मुख्य अतिथि प्रोफेसर चंद्रदीप कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि कार्यकर्ता ही पार्टी का मुख्य रीढ़ है। जिसके लिए संगठन की मजबूती आवश्यक है। उन्होंने सदस्यता अभियान का समीक्षा करते हुए इसमें और इजाफा करने का आग्रह किया, ताकि आने वाले विधान सभा चुनाव में जीत सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि बिहार के आम आदमी का राष्ट्रीय जनता दल और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के प्रति आस्था बढ़ा है क्योंकि महागठबंधन के 17 महीने के सेवाकाल में जो काम किये हैं उससे बिहार की जनता समझ चुकी है। उन्होंने कहा कि बिहार में 2025 में राजद की सरकार बनेगी तो गैस सिलेंडर का दाम घटाकर 500 रुपये करेगें।गरीब परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलो अनाज, बिहार की आधी आबादी को माई बहन योजना चलाकर महिलाओं को प्रत्येक माह 2500 रुपये दिया जाएगा। वृद्धा, विधवा और दिव्यांग पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये किया जाएगा। दो सौ यूनिट बिजली फ्री दिए जाएंगे। इस बार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव को ही मुख्यमंत्री बनायेगें। वहीं जिला चिकित्सा प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ प्रमोद कुमार ने कहा कि अब बिहार के लोगों को उम्मीद है कि तेजस्वी यादव ही आएंगे तो बिहारवासी को महंगाई के जाल से निकालेगें। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग तेजस्वी यादव के 17 माह के कार्यकाल को याद कर रहे हैं
वहीं उन्होंने कहा बिहार की जनता केंद्र और राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों से परेशान है. विगत विधानसभा में भी जनता का जनादेश महागठबंधन की सरकार एवं तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर है. इस अवसर पर प्रखंड के सभी पंचायतों से लोग पहुंचे थे।

No comments: