ऑनलाइन हाजिरी को लेकर जिला अनुमंडलीय रेफरल पीएचसी और सीएचसी से एक-एक डाटा एंट्री ऑपरेटर को प्रशिक्षित किया गया है. सभी कर्मियों की ऑनलाइन हाजिरी चेहरे की मशीन से पहचान के आधार पर दर्ज होगी. इस मशीन से अस्पताल में तैनात सभी कर्मी के चेहरे की पहचान का हाजिरी लग जाएगा. इसके तहत तीन शिफ्ट में हाजरी दर्ज की जाएगी. मशीन चिकित्सा पदाधिकारी के कक्ष में लगाया जाएगा. कार्यालय पहुंचने और निकालने दोनों के दौरान कर्मियों को मशीन के सामने खड़े होकर चेहरे की पहचान करनी होगी.
स्वास्थ्य प्रबंधक कुमार धनंजय ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों व कर्मियों की उपस्थिति को लेकर नई प्रक्रिया की शुरुआत की है. अब तक ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर अधिकारी या कर्मचारी कब आते थे और कब जाते थे इसकी जानकारी नहीं मिलती थी. निरीक्षण के क्रम में कई स्वास्थ्य कर्मी गायब पाए जाते थे. स्पष्टीकरण में कोई कारण बता कर निकल जाते थे लेकिन अब बहाने बाजी नहीं चलेगी. जो जिस क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत हैं उन्हें अपने-अपने कार्य क्षेत्र से ही उपस्थिति दर्ज करनी होगी. अब दिन में तीन बार ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करनी होगी. सुबह 10:00 और शाम 5:00 के अलावे दोपहर को भी किसी समय ऐप पर उपस्थिति दर्ज करनी पड़ेगी.
फेस रिकग्निशन अटेंडेंस सिस्टम यानी चेहरा पहचान उपस्थित प्रणाली के लागू होने से अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मी समय पर पहुंचेंगे क्योंकि इस एप के माध्यम से अपने-अपने कार्य क्षेत्र में ही उपस्थिति बनानी होगी. अगर कोई रास्ते में उपस्थिति बनाना चाहेगा या कार्य क्षेत्र में भी समय से विलंब हुआ तो ऐप स्वतः रिजेक्ट कर देगा. ऐसे में उनको अनुपस्थित माना जाएगा और वेतन में कटौती होग. इसका मॉनिटरिंग सीधे राज्य मुख्यालय से होगी.

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