पोषण पखवारा का उद्देश्य लोगों को सही पोषण के लिए जागरूक करने के साथ-साथ गर्भावस्था व बच्चों को ऊपरी आहार खानपान के प्रति सजग होने एवं शिशु जनित रोगों को कम करने के लिए जानकारी दी गई. वहीं महिला पर्यवेक्षिका कुमारी निभा ने इस संबंध में बताया कि पोषण पखवारा के तहत 20 मार्च से 3 अप्रैल तक निर्धारित अलग-अलग दिन में आंगनबाड़ी केंद्रों में अलग-अलग गतिविधियां आयोजित की जा रही है, जिसमें प्रथम सप्ताह में 0 से 6 वर्ष के सभी बच्चों का वजन लेकर वृद्धि निगरानी लंबाई ऊंचाई की माप कर पोषण ट्रैक एप्प पर दर्ज किया जाना है. दूसरे सप्ताह के दौरान जल संरक्षण में महिलाओं एवं एनीमिया का प्रबंधन एवं रोकथाम एवं स्वस्थ माता एवं बच्चों के लिए मोटे अनाज एवं परम्परागत खाद्य सामग्री का प्रचार प्रसार आदि विधियों के द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि पोषण पखवारे में श्री अन्य अनाजों जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, सवां, स्मृति, चीना, कादो और कुट्टू के उपयोग पर जोर दिया जाएगा. अभी भी समाज में अनाज को घने आहार से जोड़ा जाता है. उन्होंने कहा कि पोषण माह का मुख्य उद्देश्य बच्चों किशोरों एवं महिलाओं के कुपोषण मुक्त स्वास्थ्य को मजबूत बनाना है. पोषण कार्यक्रम को लेकर प्रतिदिन सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर गतिविधियां की जा रही है.

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