जिसमें मनागें थी कि बी.एड (सत्र- 2021-23) द्वितीय वर्ष का परीक्षा फार्म अभिलंब भराया जाए। बीएनएमयू के एक मात्र सरकारी शिक्षा शास्त्र विभाग (सीईटी- सहरसा) की मान्यता पुनः बहाल किया जाए। एम.एड एंट्रेंस टेस्ट (MET- 2022) का आयोजन अभिलंब किया जाए। एलएलबी- ।।। वर्ष का परीक्षा परिणाम जल्द जारी किया जाए। बीएनएमयू के "सेंट्रल लाइब्रेरी" को समारोह एवं मीटिंग जैसे आयोजनों से मुक्त किया जाए और 24*7 hr खुला रखा जाए एवं पुराने परिसर में ही रहने दिया जाए। बीएनएमयू में 'पांचवा' दीक्षांत समारोह का आयोजन जल्द किया जाए। आइसा विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरमान अली ने कहा बीएनएमयू के सभी अधिकारी सिर्फ अपने पद की खानापूर्ति ना करें, छात्रों के लिए तत्पर रहें एवं हमेशा छात्रहित में सकारात्मक निर्णय ले। बीएनएमयू अंतर्गत एकमात्र सरकारी शिक्षा शास्त्र विभाग सीईटी सहरसा मैं विगत कुछ वर्षों से नामांकन ना होना कोशी जैसे पिछड़े इलाकों के वंचित, शोषित, दलित समाज के छात्रों के साथ एक धोखा है। अधिकारियों के अनदेखी एवं लापरवाही की वजह से पूरे 100 सीटों पर नामांकन बंद है। साथ ही अध्यक्ष अरमान अली ने कहा विगत कुछ महीनों से बीएनएमयू प्रशासन राजनीतिक दबाव में सभी फैसले ले रही है जो अति निंदनीय है। बीएनएमयू प्रशासन नियम-अधिनियम के तहत सभी फैसले ले एवं छात्रहित में काम करें अन्यथा छात्र संगठन आइसा बीएनएमयू में आर-पार की लड़ाई लड़ेगी एवं बीएनएमयू में चरणबद्ध आंदोलन करेगी।
मौके पर आइसा नेता उपाध्यक्ष कृष्णा कुमार, अजय कुमार, मिथिलेश कुमार, श्याम कुमार, शोएब अख्तर, सोहराब अख्तर, विकास कुमार आदि दर्जनों मौजूद थे।
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 13, 2023
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