महाराणा प्रताप स्मृति समारोह सह राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस की सफलता को लेकर कार्यक्रम

महाराणा प्रताप स्मृति समारोह सह राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस की सफलता को लेकर मधेपुरा जिले के आलमनगर प्रखंड के राघवेंद्र मेमोरियल पब्लिक स्कूल परिसर में जेडीयू के विधान पार्षद और उपाध्यक्ष संजय सिंह ने आयोजित कार्यक्रम में आगामी 22 जनवरी को पटना में राष्ट्र रत्न महाराणा प्रताप स्मृति समारोह सह राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस की सफलता को लेकर उपस्थित लोगों को 22 जनवरी को पटना आने के लिए आमंत्रित किया 

इस दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होनें कहा कि महाराणा प्रताप ने कभी स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं किया. महाराणा प्रताप के द्वारा युद्ध और सामाजिक समरसता को लेकर उठाए गए कदमों को बताते हुए कहा कि जब-जब भारत वर्ष पर विदेशी आक्रांताओं ने हमला किया, इस माटी के अतुलनीय पराक्रम उनका डटकर सामना किया. भारतीय इतिहास में इसका एक अमर और अमिट उदाहरण हैं ‘महाराणा प्रताप एक ऐसा चरित्र, जो आज भी हर भारतवासी के जहन में अमर है  वीर शिरोमणि, महान योद्धा महाराणा प्रताप का पालन-पोषण भीलों की एक जाति ‘कूका’ ने किया था. भील राणा प्रताप से बहुत स्नेह करते थे. भील ही प्रताप के गुप्तचर भी थे और सैनिक भी. प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा के साथ ही प्रताप अस्त्र-शस्त्र की विद्या में भी पूर्णतया निपुण हुए थे. 18 जून 1576 को हल्दीघाटी के मैदान में मेवाड़ की सेना का नेतृत्व महाराणा प्रताप और भीलों की सेना का नेतृत्व राणा पूंजा भील ने किया था. अकबर की सेना का नेतृत्व मानसिंह कर रहा था, जिसमें उसकी नफरी 10 हजार घुड़सवारों और हजारों पैदल सैनिकों की थी. महाराणा की ओर से 3 हजार घुड़सवार और मुठ्ठी भर पैदल सैनिक ही थे. हल्दीघाटी के युद्ध में जब महाराणा प्रताप जख्मी हो गए, तो उस वक्त उनके पास कोई भी सहयोगी नहीं था. महाराणा प्रताप को चेतक बहुत प्रिय था और चेतक को महाराणा. घायल अवस्था में जैसे ही प्रताप ने चेतक की लगाम थामी, वह हवा से बातें करने लगा. चेतक को निकलता देख दो मुगल सैनिक भी उनका पीछा करने लगे, लेकिन आंधी की रफ्तार से बातें करने वाले चेतक को पकड़ पाना असम्भव था. घायल प्रताप को लिए तेजी आगे बढ़ते हुए चेतक रास्ते में एक पहाड़ी नाला आ गया. युद्ध में चेतक भी घायल हो चुका था, लेकिन महाराणा प्रताप की सुरक्षा को समर्पित नाला फांद गया. मुगल सैनिक नाले की दूसरी तरफ से देखते रह गये. चेतक की यह छलांग चेतक की गति को विराम दे गया. चेतक की मृत्यु महाराणा प्रताप को असहनीय वेदना दे गयी. 

हल्दीघाटी के युद्ध के बाद वर्ष 1579 से 1585 तक महाराणा प्रताप ने एक के बाद एक किले जीतने शुरू कर दिए थे. कई अन्य प्रदेशों में भी विद्रोह का लाभ उठाकर राणा प्रताप ने वर्ष 1585 में मेवाड़ मुक्ति के प्रयासों को और अधिक गति प्रदान कर दी थी. उदयपुर सहित 36 स्थानों पर महाराणा प्रताप का आधिपत्य स्थापित हो चुका था. यह मेवाड़ के लिए एक स्वर्णिम युग था. 11 वर्ष बाद 19 जनवरी 1597 को महाराणा प्रताप का देहावसान हो गया. महाराणा प्रताप की वीरता, साहस, शौर्यता और स्वाधीनता का लोहा मुगल बादशाह अकबर ने भी माना था. वह महाराणा ही थे, जिनके डर से अकबर अपनी राजधानी लाहौर ले गया था और महाराणा के देहावसान के बाद उसने पुनः आगरा को अपनी राजधानी बनाया था. अपने जीवन से स्वाधीनता का पाठ पढ़ाने वाले महाराणा प्रताप हर भारतवासी के लिए अमर हैं. 

उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप हिंदुस्तान के सभी वर्गों के लिए स्वाभिमान है. महाराणा प्रताप की सेना में सभी वर्ग के सेना थे और वह सदैव समरसता के पाठ पढ़ाने का काम किया. इसीलिए आज इतिहास उन्हें महान राजा और देश के महान सपूत कह जाते हम उनके बताए हुए मार्ग पर चले सभी वर्गों को साथ लेकर चले और अपने देश प्रदेश के विकास में अपना सहयोग दें वह इस दौरान उपस्थित वक्ताओं के द्वारा  आनंद मोहन की रिहाई की मांग किया परंतु आश्वासन पर आश्वासन मिलने के बावजूद भी अब तक रिहा नहीं हो पाया. उनकी रिहाई की मांग को भी समाज मजबूती के साथ उठाएं. 

वहीं इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता जदयू प्रखंड अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने किया. मौके पर बंटी सिंह, पप्पु झा, सुमन सिंह, पूर्व मुखिया वीरेंद्र कुमार सिंह, अजय कुमार सिंह, लोहा सिंह, शिवशंकर सिंह, खुरहान पंचायत के पूर्व मुखिया वीरेंद्र कुमार सिंह, पंचायत समिति सदस्य पंकज सिंह, दिनेश सिंह, मंटू सिंह, पूर्व सरपंच  दीपक कुमार सिंह, सुनील सिंह, प्रो. मिथिलेश कुमार सिंह, निर्भय सिंह, नंदकिशोर सिंह सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे.

(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)

महाराणा प्रताप स्मृति समारोह सह राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस की सफलता को लेकर कार्यक्रम महाराणा प्रताप स्मृति समारोह सह राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस की सफलता को लेकर कार्यक्रम Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 26, 2022 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.