उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस पर हमें शिक्षा के इतिहास को नहीं भूलना चाहिए। हमें याद रखना चाहिए कि आधुनिक भारत में ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले ने काफी मुश्किलों का सामना करते हुए आम लोगों के लिए शिक्षा का द्वार खोला।
जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने कहा कि शिक्षक दिवस हमें समाज एवं राष्ट्र के प्रति समर्पण का संकल्प लेने का दिन है। इस दिन सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को आत्ममूल्यांकन भी करना चाहिए।
बीएनएमभी काॅलेज में शिक्षिका अंजली पासवान ने कहा कि विद्यार्थियों की सफलता पर शिक्षकों को गर्व होता है।
कार्यक्रम में डाॅ. राजकुमार रजक, राजहंस राज (छात्र नयाक), चन्दन, मनीष, राजा, दीपक पासवान, विकास पासवान, सुभाष, सुनील राम, सुनील, सतीश, शतीश हेमराम, सुमन, आशीष, नीतीश, पिंटू राम, दीपक कुमार, कुंदन, आवेश, चन्दन पासवान, प्रिंस, शिवम,सत्यम, गुरुदेव, रौशन कुमार, शशि राम, सुदर्शन, राजन कुमार, प्रकाश राम, कृष्ण कुमार आदि उपस्थित थे।
(वि.)

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