इस बार उनके मधेपुरा आगमन पर मधेपुरा टाइम्स ने उनसे कई स्वास्थ्य बिन्दुओं पर बातें की और उनसे सबसे महत्वपूर्ण कोरोना की तीसरी लहर की आशंका पर जानकारी हासिल की. डॉ. मनीष मंडल कहते हैं कि पहले दो लहर से सरकार, आम लोगों और डॉक्टरों ने भी बड़ी सीख ली है. सीख ये है कि टेस्टिंग सबसे अधिक जरूरी है. यदि जरा भी शक हो तो कि कोरोना हो सकता है तो टेस्टिंग जरूर करा लें. अभी तो गाँव स्तर पर भी टेस्टिंग की व्यवस्था है. दूसरी बात कि यदि लक्षण हैं तो इलाज तुरंत शुरू कर दें. इम्यूनिटी बढ़ाना है और दवा लेने में देर न करें. यदि साँस में दिक्कत है तो तुरंत अस्पताल में भर्ती हो जाएँ और यदि साँस में परेशानी नहीं है तो भर्ती होने की भी आवश्यकता नहीं है, आप घर पर रहकर ही डॉक्टर की सलाह से इलाज करवा कर ठीक हो सकते हैं.
तीसरी लहर की तैयारी पर डॉ. मनीष मंडल बताते हैं कि सरकार ने दो लहरों से काफी सीख ली है और अब जिला स्तर पर भी हर जगह ऑक्सीजन की व्यवस्था कर दी गई है. साँस की दिक्कत में ऑक्सीजन के लिए अस्पताल जाना होगा, जहाँ अब ऑक्सीजन उपलब्ध है. दवा तो कहीं भी उपलब्ध हो सकती है, पर ऑक्सीजन के लिए अस्पताल जाना ही होगा.
तीसरी लहर के बारे में डॉ. मनीष मंडल बताते हैं कि बहुत जगह बच्चों में फीवर आदि देखा जा रहा है, ये जाँच का विषय है. टेस्ट जरूर करावें. बुखार की जाँच कराकर कारणों पर ध्यान दें. बच्चों में यदि ऐसा पाया जाता है तो उन्हें घर के बाकी बच्चों से अलग रहकर उसका इलाज करावें. यदि नए लक्षण कोविड के नए वेरियंट से सम्बंधित होंगे तो उनकी भी जाँच कि व्यवस्था जल्द हो जायेगी.
फिलहाल इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए खानपान और सफाई पर ध्यान देना है. कोविड वेरियंट या किसी भी वायरस के लिए फल का सेवन करें. कीवी या अन्य फल इम्यूनिटी बढ़ाएंगे. दूध का सेवन भी प्रोटीन के लिए करना चाहिए. विटामिन्स की गोली और सिरप भी कोविड से लड़ने में मददगार साबित होंगें.
सुनिए डॉ. मनीष मंडल को, और क्या बताया उन्होंने कोविड की तीसरी लहर के बारे में.

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